दुःख बड़े सहे दिन रात मगर तेरा द्वार नहीं छोड़ा
आँखों में रही बरसात मगर तेरा द्वार नहीं छोड़ा
मेरा तुम पर है विश्वास बड़ा ये जग को रास न आता है
मेरी पूजा और अराधाना को जग कोरा ढोंग बताता है
यु जले बड़े जज्बात मगर तेरा द्वार नहीं छोड़ा
किस्मत ने एसी चाल चली हाथो से फिसल व्यपार गया,
जिसे पर विश्वाश किया मैंने वो छुरा पीठ पे मार गया
जग ने दी घात पे घात मगर तेरा द्वार नहीं छोड़ा
जब अपने काम ना आये तो दिलने सब रिश्ते तोड़ दिए,
सुख में जो बने थे मीत मगर दुःख पढने पर तो छोड़ दिए,
कैसे भी रहे हालत मगर तेरा द्वार नहीं छोड़ा
तूने ऐसा सुख है भर डाला मिटटी की एक खोलोने में
घजेसिंह ढूंड लो मिले नही ऐसा सुख चांदी सोने में,
तुम से ये मिली सोगात मगर तेरा द्वार नहीं छोड़ा
Sorrow lasted day and night but did not leave your door
It rained in the eyes but did not leave your door
I have great faith in you, this world does not like it
The world tells my worship and worship as a mere pretense
You burn with great emotion but did not leave your door
Luck played such a trick, the business slipped from his hands,
The one I believed in got stabbed in the back
The world gave ambush but did not leave your door
When your work does not come, you break all relationships in your heart.
Those who were made in happiness, but left after studying sorrow,
no matter how you were, but did not leave your door
You have filled such a happiness in an opening of the soil
Find Ghajesingh, you will not find such happiness in silver and gold,
Got this sound from you but did not leave your door