तेरी भंग ना घोट के लाउ
मैं तो पीहर ने जानू लौट के फिर न मैं आऊ,
मैं मेहलो में रेहने वाली तू वन में रेहने आला
मैं छपन भोग लगाऊ तू कंध मूल खाने आला
चाहे जिनता जोर लगा ले तेरी बाता में न आऊ
हाथा में पड़ गए छाले तेरा सिलवटा तुड वाऊ,
तेरी भंग ना घोट के लाउ
तू जितना भी करके बहाना मने भोले क्यों बेह्कावे,
भर भर सुलफा पी वे तू दिन भर मुझे सतावे
तेरा रोज रोज का डरामा मेरे चित का चैन चुरावे
तेरे पैर पडू भोले अब और न हुकम चलावे
तेरी भंग ना घोट के लाउ….
तने मिक्सी बोल दिला दे अब मैं न पीहर जाऊ
तेरी घोट घोट के भंगिया मिक्सी से खूब पिलाऊ
तेरे शरण शीश झुकाऊ मैं भोले बम बम गाऊ
तेरे चरनन शीश झुकाऊ मैं भोले बम बम गाऊ
तेरी शरणं शीश झुकाऊ मैं भोले बम बम गाऊ
तेरी भंग ना घोट के लाउ
Your Bhang Na Ghot Ke Lau
I know that Pehar has returned and neither will I come again,
I lived in Mehlo, you came to live in the forest
I want to enjoy Chhapan Bhog, you came to eat the root of the shoulder
I may not come to your words even if you insist
Your silvata tud wau the blisters that fell in the hand,
Your Bhang Na Ghot Ke Lau
Whatever you do, why should you be foolish to pretend?
Drink a whole lot of sulpha, you torment me all day long
May your daily drama steal my peace
Do not rule your feet anymore
Teri bhang na ghot ke lau….
Let me give you the mixi bol, now I will not drink
Drink a lot from the mixie of Teri Ghot Ghot
I will sing Bhole Bam Bam to bow down to your shelter
I will sing Bhole Bam Bam
I will sing Bhole Bam Bam, bow your head
your bhang na ghot ke lau