स्नान‘ और ‘नहाने’ में अंतर

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एक बार देवी सत्यभामा ने देवी रुक्मणि से पूछा कि दीदी क्या आपको मालुम है कि श्री कृष्ण जी बार बार द्रोपदी से मिलने क्यो जाते है। कोई अपनी बहन के घर बार बार मिलने थोड़ी ना जाता है, मुझे तो लगता है कुछ गड़बड़ है, ऐसा क्या है ?

जो बार बार द्रोपदी के घर जाते है । तो देवी रुक्मणि ने कहा : बेकार की बातें मत करो ये बहन भाई का पवित्र सम्बन्ध है जाओ जाकर अपना काम करो।

ठाकुर जी सब समझ ग्ए । और कहीं जाने लगे तो देवी सत्यभामा ने पूछा कि प्रभु आप कहां जा रहे हो ठाकुर जी ने कहा कि मैं द्रोपदी के घर जा रहा हूं । अब तो सत्यभामा जी और बेचैन हो गई और तुरन्त देवी रुक्मणि से बोली, ‘देखो दीदी फिर वही द्रोपदी के घर जा रहे हैं ‘।

कृष्ण जी ने कहा कि क्या तुम भी हमारे साथ चलोगी तो सत्यभामा जी फौरन तैयार हो गई और देवी रुक्मणि से बोली कि दीदी आप भी मेरे साथ चलो और द्रोपदी को ऐसा मज़ा चखा के आएंगे कि वो जीवन भर याद रखेगी। देवी रुक्मणि भी तैयार हो गई।

जब दोनों देवियां द्रोपदी के घर पहुंची तो देखा कि द्रोपदी अपने केश संवार रही थी जब द्रोपदी केश संवार रही थी तो भगवान श्री कृष्ण ने पूछा : द्रोपदी क्या कर रही हो तो द्रोपदी बोली :

भैया केश संवार के अभी आई तो भगवान बोले तुम काहे को केश संवार रही हो, तुम्हारी तो दो दो भाभी आई है ये तुम्हारे केश संवारेगी फिर कृष्ण जी ने देवी सत्यभामा से कहा कि तुम जाओ और द्रोपदी के सिर में तेल लगाओ और देवी रूक्मिणी तुम जाकर द्रोपदी की चोटी करो।

सत्याभाम जी ने रुक्मणि जी से कहा बड़ा अच्छा मौका मिला है ऐसा तेल लगाऊंगी कि इसकी खोपड़ी के एक – एक बाल तोड़ के रख दूंगी। और जैसे ही सत्यभामा जी ने द्रोपदी के सिर में तेल लगाना शुरु किया और एक बाल को तोड़ा तो बाल तोड़ते ही आवाज आई :

“हे कृष्ण” फिर दूसरा बाल तोड़ा फिर आवाज आई :

“हे कृष्ण” फिर तीसरा बाल तोड़ा तो फिर आवाज आई : “हे कृष्ण

”सत्यभामा जी को समझ नहीं आया और देवी रुक्मणि से पूछा, “दीदी आखिर ऐसी क्या बात है द्रोपदी के मस्तक से जो भी बाल तोड़ती हूं तो कृष्ण का नाम क्यों निकल कर आता है,”रुक्मणि जी बोली ,” मैं तो नहीं जानती “, पीछे से भगवान बोले :

”देवी सत्यभामा तुम देवी रुक्मणि से पूछ रही थी कि मैं दौड़ – दौड़ कर इस द्रोपदी के घर क्यो जाता हूं“,

क्योंकि पूरे भूमण्डल पर, पूरी पृथ्वी पर कोई सन्त, कोई साधु, कोई संन्यासी, कोई तपस्वी, कोई साधक, कोई उपासक ऐसा नहीं हुआ जिसने एक दिन में साढ़े तीन करोड़ बार मेरा नाम लिया हो और द्रोपदी केवल ऐसी है जो एक दिन में साढ़े तीन करोड़ बार मेरा नाम लेती है।

प्रति दिन स्नान करती है इसलिए उसके हर रोम में कृष्ण नजर आता है और इसलिए मैं रोज इसके पास आता हूं ।”

इसे कहते हैं ‘स्नान‘ जो देवी द्रोपदी प्रतिदिन किया करती थी ।

हम जो हर रोज साबुन, शैम्पू और तेल लगा कर अपने तन को स्वच्छ कर लिया, इसको केवल‘ नहाना ‘कहा गया है ।

स्नान का मतलब है : हमारे शरीर में साढ़े तीन करोड़ रोम छिद्र है जब नारायण से पूछा गया :

ये साढ़े तीन करोड़ रोम छिद्र कर्मों के दिए गए हैं तो नारायण ने कहा :

जब मनुष्य साढ़े तीन करोड़ बार भगवान का नाम ले लेता है तब जीवन में एक बार उसका स्नान हो पाता है “।

“इसको कहते हैं स्नान”
🌹श्री कृष्ण 🌹का नाम तब तक जपते रहिए जब तक साढ़े तीन करोड़ बार भगवान का नाम ना जाप लें।

🙏🌹जय जय श्री राधे कृष्णा जी🌹🙏
🙏



Once Goddess Satyabhama asked Goddess Rukmani that Didi do you know why Shri Krishna ji repeatedly visits Draupadi. No one goes to visit his sister’s house again and again, I feel something is wrong, what is it?

Who repeatedly goes to Draupadi’s house. So Goddess Rukmani said: Don’t talk nonsense, this is a sacred relation between sister and brother, go and do your work.

Thakur ji understood everything. When she started going somewhere else, Goddess Satyabhama asked where are you going Lord, Thakur ji said that I am going to Draupadi’s house. Now Satyabhama ji became more restless and immediately said to Goddess Rukmani, ‘Look didi then she is going to Draupadi’s house’.

Krishna ji said that if you will also go with us, then Satyabhama ji immediately got ready and said to Goddess Rukmani that didi, you also come with me and you will come to taste Draupadi so much that she will remember for life. Goddess Rukmani also agreed.

When both the ladies reached Draupadi’s house, they saw that Draupadi was grooming her hair.

Brother has just come for hair grooming, then God said why are you grooming your hair, you have two sisters-in-law, it will groom your hair, then Krishna ji told Goddess Satyabhama that you go and apply oil on Draupadi’s head and Goddess Rukmini you Go and do the top of Draupadi.

Satyabham ji said to Rukmani ji, I have got a very good opportunity, I will apply such oil that I will break every hair of his scalp and keep it. And as soon as Satyabhama ji started applying oil on Draupadi’s head and broke a hair, the sound came as soon as she broke the hair:

“O Krishna” then broke the second hair and then the voice came:

“O Krishna” then broke the third hair and then the voice came again: “O Krishna

Satyabhama ji did not understand and asked Goddess Rukmani, “Didi, what is the matter after all, if I break the hair from Draupadi’s head, why does Krishna’s name come out,” Rukmani said, “I don’t know”. God said from behind:

“Goddess Satyabhama was asking you Goddess Rukmani why I run to this Draupadi’s house after running.”

Because on the whole earth, there is no saint, no sage, no sannyasin, no ascetic, no seeker, no worshiper who has taken my name three and a half crore times in a day and Draupadi is the only one who can do this in a day. Takes my name three crore times.

She bathes every day so Krishna is seen in her every pore and that’s why I come to her every day.”

It is called ‘Snan’ which Goddess Draupadi used to take daily.

We who clean our body everyday by applying soap, shampoo and oil, this is called simply ‘bathing’.

Bathing means: There are three and a half million pores in our body when Narayan was asked:

These three and a half crore pores have been given for deeds, so Narayan said:

When a man takes the name of the Lord three and a half million times, then he gets a bath once in his life”.

“It’s called a bath” Keep chanting the name of Shri Krishna till you do not chant the name of God three and a half crore times.

🙏Jai Jai Shree Radhe Krishna ji🙏

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