स्तुति भाव प्रधान

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भगवान की कथा भागवत गीता और रामायण सुनना बहुत अच्छी है। कुछ बहनो के पास कथा सुनने का समय होता है। सब बहनो के पास कथा सुनने के लिए समय नहीं है बहनो को अपने घर सम्भालने होते हैं पुजा में और घर में सामंजस्य बिठाना भक्ति है। कुछ बहने भजन गाकर भगवान को रिझाती है। भगवान को भाव भाते है ।भगवान भाव से प्रसन्न हो जाते हैं। मन्दिर में बहने बीस बीस वर्ष से न गर्मी देखती है न सर्दी देखती है। सुबह से उनके दिल में एक ही तमन्ना होती है कि आज मैं मेरे भगवान नाथ को ये भजन सुनाकर रिझाऊगी ।आज मैं सबसे अच्छी स्तुति  भकतो के सामने गाऊगी। मेरी स्तुति में मै भगवान को रिझाऊगी ।स्तुति को ज्ञान से नहीं तोल सकते हैं। स्तुति में भाव प्रधान होते हैं।  बहने सब बहुत भाव से गाती हैं।

मन्दिर में आने का mining है कि लगन के दिपक को प्रज्वलित करना है।लग्न का दिपक दिन दिन बढते हुए तङफ जागृत कर जाए। भगवान को भजते हुए हमारे दिल दर्शन और त्याग मार्ग दृढ हो। गृहस्थ धर्म को निभाते हुए हमारे अन्दर प्रेम की उत्पत्ति हो जाए। गृहस्थ धर्म ऐसा धर्म है जंहा हम भगवान को भजते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं।

हमे पग पग पर परिक्षा देनी होती है। परिक्षाओं से समस्याओं से हम घबराते नहीं है क्योंकि भगवान हमारे सहायक होते हैं। भक्त कहता है कि हे मेरे स्वामी कठिन परिस्थितियों हमारी भक्ति को स्टरोंग बनाती है अध्यात्मवाद हमें हर परिस्थिति में सम रहना सिखाता है। जीवन की शांति बाहर नहीं बाहर पत्थर ही पत्थर है अन्दर झांक कर देख अन्तर्मन के बहते आनंद मे गहरी डुबकी लगा कर देख। दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अंखिया प्यासी रे। जय श्री राम अनीता गर्ग

It is very good to listen to God’s story Bhagwat Geeta and Ramayana. Few sisters have time to listen to the story. All the sisters do not have time to listen to the story, sisters have to take care of their homes in worship and harmony in the house is devotion. Some sisters please God by singing hymns. Bhava is pleasing to God. God is pleased with emotion. For twenty years, she has seen neither heat nor cold in the temple. Since morning there is only one wish in his heart that today I will woo my Lord Nath by reciting this hymn. Today I will sing the best praise in front of devotees. I will appease God in my praise. Praise cannot be weighed with knowledge. Emotions are predominant in praise. Sisters all sing with a lot of emotion. The mining of coming to the temple is to light the lamp of Lagna. The lamp of the Lagna should be awakened day by day. Worshiping the Lord, let our hearts darshan and the path of renunciation be firm. By following the householder’s dharma, love should arise in us. Grihastha Dharma is such a religion where we move slowly while worshiping God. We have to test step by step. We are not afraid of problems due to examinations because God is our helper. The devotee says that O my lord, difficult situations make our devotion strong, spiritualism teaches us to be equal in every situation. The peace of life is not outside but stone is only stone, look inside and see, take a deep dip in the flowing bliss of inner soul. Darshan Do Ghanshyam Nath Mori Ankhiya Pyasi Re. Jai Shri Ram Anita Garg

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