वृन्दावन की महिमा

सुनती हूं वृंदावन की याद सबको आ रही लेकिन क्या वास्तव में आ रही है
वृन्दावन की महिमा तभी है अगर जाकर भगवान कृष्ण की याद आये ,ह्रदय द्रवित हो ,अहं गल जाए, बंधन छूट जाएँ थोड़ा ध्यान लगाये मन से पुकारे बिहारीं जी को, राधा वल्लभ
राधा रमण, राधा दामोदर जी को आंखे बंद करके
श्री चैतन्य महाप्रभु आये वृन्दावन एक पांडा उनके साथ हो लिया !!
हर स्थान पे बोलता जाए जहां हमारे कान्हा ने ये लीला की !!
एक स्थान आया पांडा बोला -ये वो ही कदम्ब का पेड़ है जिस पर राधाकृष्ण झूला झूलते थे !!
यहां पर राधा जी का मोतिओ का हार कान्हा से टूट गया वो बोली सारे मोती चुन कर इकट्ठे कर के मुझे दो !!
सारे मोती कान्हा ने इकठे किये पर एक मोती ना मिला!!
कान्हा ने बांसुरी से खोदा मोती ढूंढने को तो बन गयी “मोती झील” !!
राधा रानी जिद पर अड़ गयी मेरा एक मोती ला कर ही दो !!
कान्हा ने एक पेड़ लगाया और कहा इस पर मोती जैसे फूल आएंगे फिर तुम ले लेना ढेर सारे हार बनाना !!
आज भी उस पेड़ पर मोती जैसे फूल आते हैं !!
ये लीला पांडा के मुख से सुनते ही महाप्रभु की आँखों में आंसू बहने लगे ,मोती झील के किनारे लोटने लगे ब्रज धूलि में !!
ये मेरे आराधय देव की खोदी मोती झील है ,ये वो ही कदम्ब का पेड़ है जिस पर दोनों झूला झूला झूलते हैं

ह्रदय द्रवीभूत हो गया ,ब्रज रज में लौटने लगे अपने प्यारे की कृपायों की लीला के सुनने मात्र से !!
किसी  से नहीं पुछा कोई तर्क नहीं किया कि क्या वाकई ये वो ही स्थान है या तुम गढ़ी हुई कहानी सुना रहे हो,कोई किन्तु परन्तु नहीं किया !!
भक्त ने सुना और ह्रदय द्रवित ,गला रुंध गया ,लीला में डूब गया और ब्रज रज में लौटने लगा !!
भगवान को तर्क से कम और प्रेम से ज़्यादा जल्दी पाया जा सकता है !!
गोस्वामी की सोच और होती है पंडितों की दुनिया दूसरी होती है ,विद्वानो की दूसरी ,और प्यारे भक्तों की अलग !!
आप सब भी रोज बोला करो है ठाकुर हम आपसे बहुत पयार करते है रोज बोला करो दिन कई बार बोला करे चाहे झूठ ही बोला करो है गोविन्द हम आपसे बहुत पयार करते है,,,,,,
ब्रज का मार्ग प्रेम का मार्ग है ,श्रद्धा का मार्ग है !! अटूट विश्वास करने का ब्रज की रज में मिल जाने का , दिखावे का नही कोई
जय जय वृन्दावन धाम
राधे राधे



I hear that everyone is thinking of Vrindavan but is it actually happening? Vrindavan is glorified only if you go there and remember Lord Krishna, your heart melts, your ego melts, you lose your bonds, you meditate a little and call Bihar ji from your heart, Radha Vallabh. Radha Raman, Radha Damodar ji with closed eyes Sri Chaitanya Mahaprabhu came to Vrindavan and a panda joined him. Keep saying it at every place where our Kanha did this leela!! Panda came to one place and said – This is the same Kadamba tree on which Radhakrishna used to swing. Here Radha ji’s pearl necklace broke from Kanha and she said, collect all the pearls and give them to me. Kanha collected all the pearls but did not find even one pearl!! Kanha dug with his flute to find the pearl and it became “Pearl Lake”!! Radha Rani was adamant on bringing one of my pearls. Kanha planted a tree and said that flowers like pearls will grow on it, then you take them and make many necklaces. Even today flowers like pearls grow on that tree!! As soon as Mahaprabhu heard this leela from the mouth of Panda, tears started flowing in his eyes, Braj started rolling in the dust on the banks of the pearl lake. This is the pearl lake dug by my beloved God, this is the same Kadamba tree on which both of them swing.

My heart melted and I started returning to Braj Raj just by hearing the leela of the blessings of my beloved. Didn’t ask anyone, didn’t argue whether this was really the same place or were you telling a fabricated story, didn’t raise any ifs or buts!! The devotee heard it and his heart was moved, his throat choked, he got immersed in the leela and started returning to Braj Raj. God can be found more quickly than through logic and more through love. Goswami’s thinking is different, the world of pundits is different, that of scholars is different, and that of dear devotees is different. All of you also say it every day, Thakur, we love you very much, say it every day, say it many times a day, even if you tell a lie, we love you very much, Govind. The path of Braj is the path of love, the path of faith!! To have unwavering faith and to merge in the blood of Braj, not for show off. Jai Jai Vrindavan Dham Radhe Radhe

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