शिव और सती
सिव सम को रघुपति ब्रतधारी । बिनु अघ तजी सती असि नारी ।।भगवान शिव और माता सती देवी की असीम
सिव सम को रघुपति ब्रतधारी । बिनु अघ तजी सती असि नारी ।।भगवान शिव और माता सती देवी की असीम
एक बार सूरदासजी किसी भजन कीर्तन में जाने के लिए रास्ते से होकर जा रहे थे। सूरदासजी तो अंधे थे,
एक बार मूर्तिकार नवीन एक पत्थर को छेनी और हथौड़ी से काट कर मूर्ति का रूप दे रहा था. जब
कन्धे पर कपड़े का थान लादे और हाट-बाजार जाने की तैयारी करते हुए नामदेव जी से पत्नि ने कहा- भगत
एक बार एक गुरुदेव अपने शिष्य को अहंकार के ऊपर एक शिक्षाप्रद कहानी सुना रहे थे एक विशाल नदी जो
रात 8 बजे का समय रहा होगा, एक लड़का एक जूतों की दुकान में आता है। गांव का रहने वाला
एक राजा था जो एक आश्रम को संरक्षण दे रहा था। यह आश्रम एक जंगल में था। इसके आकार और
.श्रीराम का वनवास ख़त्म हो चुका था..एक बार श्रीराम ब्राम्हणों को भोजन करा रहे थे तभी भगवान शिव ब्राम्हण वेश
. सोलहवीं शताब्दी में जब भारत पर मुग़ल बादशाह अकबर का शासन था, उन्ही दिनों की यह घटना है। ब्रज
एक बार बुद्ध एक नगर के बाजार से गुजर रहे थे। तभी एक व्यक्ति उनके पास आया और बुद्ध को