वैदिक_घड़ी 🧭⏱️

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देखिये, जानिए और समझिए कि भारत के सभी वस्तुओं को कैसे-कैसे नष्ट किया गया, पूरा अवश्य पढ़ें……

◆ 12:00 बजने के स्थान पर आदित्या: लिखा हुआ है, जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं.

अंशुमान,अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु।

◆ 1:00 बजने के स्थान पर ब्रह्म लिखा हुआ है, इसका अर्थ यह है कि ब्रह्म एक ही प्रकार का होता है।

एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति

◆ 2:00 बजने की स्थान पर अश्विनौ लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अश्विनी कुमार दो हैं।

◆ 3:00 बजने के स्थान पर त्रिगुणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि गुण तीन प्रकार के हैं।

सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण।

◆ 4:00 बजने के स्थान पर चतुर्वेदा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं।

ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।

◆ 5:00 बजने के स्थान पर पंचप्राणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य है कि प्राण पांच प्रकार के होते हैं। अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान।

◆ 6:00 बजने के स्थान पर षड्र्सा: लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रस 6 प्रकार के होते हैं।

मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय।

◆ 7:00 बजे के स्थान पर सप्तर्षय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सप्त ऋषि 7 हुए हैं।

कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ।

◆ 8:00 बजने के स्थान पर अष्ट सिद्धिय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सिद्धियां आठ प्रकार की होती है।

अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व।

◆ 9:00 बजने के स्थान पर नव द्रव्यणि अभियान लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि 9 प्रकार की निधियां होती हैं।

पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व।

◆ 10:00 बजने के स्थान पर दशदिशः लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि दिशाएं 10 होती है।

पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल।

◆ 11:00 बजने के स्थान पर रुद्रा: लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रुद्र 11 प्रकार के हुए हैं।

कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य,शम्भु,चण्ड और भव।

जयश्रीराम

सनातनभारत



See, know and understand how all the things of India were destroyed, must read the whole……

Aditya: is written in place of 12:00, which means that there are 12 types of Sun.

Anshuman, Aryaman, Indra, Tvashta, Dhatu, Parjanya, Pusha, Bhaga, Mitra, Varuna, Vivasvan and Vishnu.

In place of 1:00, Brahma is written, this means that Brahma is of only one type.

There is no other Brahman

Ashwinu is written in place of 2:00 which means that Ashwini Kumar is two.

Instead of 3:00 o’clock it is written Trigunaah, which means that there are three types of gunas.

Satoguna, Rajoguna and Tamoguna.

“Chaturveda” is written instead of 4:00, which means that there are four types of Vedas.

Rigveda, Yajurveda, Samaveda and Atharvaveda.

Instead of 5:00 o’clock it is written Panchapranah, which means that there are five types of prana. Apana, Samana, Prana, Udana and Vyana.

Instead of 6:00 o’clock it is written Shadrasa: It means that there are 6 types of rasa.

Sweet, acidic, salty, bitter, bitter and astringent.

In place of 7:00 o’clock it is written Saptarshayah, it means that there are seven sages.

Kashyapa, Atri, Bharadwaja, Vishwamitra, Gautam, Jamadagni and Vasishtha.

In place of 8 o’clock it is written Ashta Siddhi: It means that there are eight types of Siddhis.

Anima, Mahima, Laghima, Garima, Prapti, Prakamya, Ishitwa and Vashitwa.

Nav Dravyani Abhiyan is written in place of 9:00 o’clock, it means that there are 9 types of funds.

Padma, Mahapadma, Neel, Shankha, Mukunda, Nanda, Makara, Kachhapa, Kharva.

Instead of 10:00 o’clock it is written as Dashdishah, which means that the directions are 10.

East, West, North, South, Ishaan, Southwest, Vayavya, Agneya, Akash, Hades.

Rudra: is written in place of 11:00, it means that there are 11 types of Rudra.

Kapali, Pingala, Bhima, Virupaksha, Vilohita, Shasta, Ajapada, Ahirbudhnya, Shambhu, Chanda and Bhava. Jai Shri Ram Sanatan Bharat

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