भोले बाबा कहा छुपे हो सुध क्यों न लेते हो
आया शरण जो भोले बाबा वर तुम देते हो
नील कंठ की कठिन चडाई भगतो के मन बाहती है,
तेरी किरपा भोले बाबा बाह पकड़ ले जाती है,
खुशियों से घर भर देते हो सब की झोली भरते हो
आया शरण जो भोले बाबा ….
मैंने भो तो तेरे दर पर भोले अर्ज लगाई है
मेरी अर्जी तुमने भोले अब तक कहा छुपाई है,
भंडारे तुम भर देते हो कुछ भी न लेते हो
आया शरण जो भोले बाबा ….
हरते विपदा भगत जनों की यो दर पे आ जाता है,
मन ईशा वर पा के भोले सब कुछ पा जाता है
नागर किरपा कर देते हो भगतो के दुःख हरते हो
आया शरण जो भोले बाबा ….
Bhole baba where are you hiding why don’t you take care
came the refuge that you give to the innocent baba
The hard climb of Neel Kantha flows in the minds of the devotees,
Your innocence takes hold of the innocent Baba,
You fill the house with happiness, you fill everyone’s bag
The refuge who came, Bhole Baba….
I have made a naive application at your rate.
Where have you hidden my request so far?
You fill the bhandara, don’t take anything
The refuge who came, Bhole Baba….
Everyday calamity comes at the rate of Bhagat people,
The mind gets everything innocent of Isha’s blessings.
You make the city angry, you remove the sorrows of devotees.
The refuge who came, Bhole Baba….