लक्ष्य निर्धारण मनोबल से
सर्वश्रेष्ठ

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मनुष जन्म दुर्लभ है,मिले न बारम्बार।
तरुवर से पत्ता टूट गिरे,बहुर न लगता डार।

श्रेष्ठ लक्ष्य – वैदिक पथिक

लक्ष्य निर्धारण मनोबल का
सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।

किसी कार्य के लिए तत्पर हो जाना निश्चित ही श्रेष्ठ होता है।लेकिन लक्ष्य स्वयं में कितना महत्वपूर्ण है, यह भी स्पष्ट होना चाहिए। बड़ा व्यापार, उद्योग,कला साधना, विषयगत योग्यता और प्रसिद्धि लक्ष्य के बगैर संभव नहीं हैं। लक्ष्य पर अडिग रहना आगे बढ़ने की प्रेरणा का मूल है।सफलता इसी से संभव है।

लाभ और लोभ में पड़कर किसी भी लक्ष्य में स्वयं को बांध लेना उचित नहीं होता। लक्ष्य निर्धारण की पहली जरूरत यह है कि इससे पूरा जीवन संवरना चाहिए। तात्कालिक लाभ के लक्ष्य भटकाव दे सकते हैं। लक्ष्य आत्म मूल्यांकन से चुना जाना चाहिए। मित्रों, करीबियों, परिजनों और आदर्शाें को देखकर लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए। स्वयं के सर्वाेत्तम आदर्श आप खुद होते हैं। अपने लिए क्या सर्वाधिक सही है यह आपको स्पष्ट होना चाहिए।

जिस प्रकार आप किसी वस्तु को लेने बाजार जाते हो तो उसका एक उचित मूल्य अदा करने पर ही उसे प्राप्त करते हो। उसी प्रकार जीवन में भी हम जो प्राप्त करते हैं सबका कुछ ना कुछ मूल्य चुकाना ही पड़ता है।

विवेकानन्द जी कहा करते थे कि महान त्याग के बिना महान लक्ष्य को पाना संभव नहीं। अगर आपके जीवन का लक्ष्य महान है तो यह ख्याल तो भूल जाओ कि बिना त्याग और समर्पण के उसे प्राप्त कर लेंगे।

बड़ा लक्ष्य बड़े त्याग के बिना नहीं मिलता। कई प्रहार सहने के बाद पत्थर के भीतर छिपा हुआ ईश्वर का रूप प्रगट होता है।

अगर चोटी तक पहुँचना है तो रास्ते के कंकड़ पत्थरों से होने वाले कष्ट को भूलना ही होगा। जिन्हें विपरित परिस्थितियों से समझौता करना नहीं आता अक्सर वो श्रेष्ठ लक्ष्य से समझौता कर बैठते हैं,जैसे-अर्जुन का लक्ष्य था तो भेद दिया ।

जिसका लक्ष्य होगा वहीं अर्जुन



Human birth is rare, not found again and again. Leaves fell from the tree, it doesn’t seem like much. Best Goal – Vedic Wanderer goal setting morale Best example.

It is certainly best to be ready for a task. But how important the goal itself is, it should also be clear. Big business, industry, art practice, thematic ability and fame are not possible without the goal. Staying firm on the goal is the root of the motivation to move forward. Success is possible only from this.

It is not proper to bind oneself in any goal by falling in profit and greed. The first requirement of goal setting is that the whole life should be filled with it. Immediate profit goals can be disorienting. Goals should be selected from self-assessment. One should not set goals by looking at friends, close ones, family members and ideals. Your own best ideal is yourself. You should be clear about what is best for you.

Just as you go to the market to get an item, you get it only after paying a fair price for it. Similarly, everything we get in life has to pay some price.

Vivekananda used to say that without great sacrifice it is not possible to achieve a great goal. If the goal of your life is great, then forget the thought that without sacrifice and dedication, you will achieve it.

Great goals are not achieved without great sacrifices. After suffering several blows, the form of God hidden within the stone is revealed.

If you want to reach the peak, then you have to forget the pain caused by the pebbles on the way. Those who do not know how to compromise with adverse situations, often they settle with the best goal, as Arjun had a goal, then he made a difference.

Whose goal will be there Arjuna

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