🌹 काम को टालिये नहीं
🔵 सुबह जब हम अपनी दिनचर्या आरम्भ करते हैं हमे कार्य को निर्धारित समय में करने की आदत डाले। हम सबसे पहले यह विचार करें कि कौन सा कार्य आवश्यक है। हम जीवन में जिम्मेदारी लेना सिखे । जिम्मेदारी क्या है हम क्या करते हैं काम को सुचारू रूप से नहीं करते हैं जिम्मेदारी वह है जिसे हम प्रतिदिन बैगर किसी विचार के करते हैं एक जिम्मेदार व्यक्ति आज का कार्य कल पर नहीं छोड़ता है निरपेक्ष भाव से कार्य को पुरण करता है। कठिन और श्रम साध्य कार्यों को सबसे पहले कर लेना एक अच्छी और प्रगतिदायी आदत है। इसकी अपेक्षा अनावश्यक कामों को पहले करने का स्वभाव थकाने वाला बन जाता है। और कठिन कार्य पड़े रह जाते हैं। यदि हम इस आलस्य की वृत्ति पर विजय नहीं प्राप्त कर सके तो निश्चित है कि हम औसत स्तर से रत्ती भर भी ऊंचा नहीं उठ सकेंगे और सफलता हमसे कोसों दूर रहेगी। हम जिन परिस्थितियों में हैं, प्रगतिशील व्यक्ति उनसे गई-गुजरी स्थिति में भी हमसे आगे बढ़ जाता है और फिर हम कुछ कर सकते हैं तो केवल ईर्ष्या।
कुछ बनने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ अपने कार्यों में लगना चाहिए। यह बात ध्यान में रखी जानी चाहिए कि कठिन कार्यों में ही हमारी सामर्थ्य तथा योग्यता का विकास सम्भव है।
कार्य सभी समान होते हैं। करने से सब पूरे हो जाते हैं। यह हमारे मन का आलस्य ही कठिन और सरल का वर्गीकरण करता है। अपने भीतर छिपे बैठे इस घर के भेदी की बात मान ली तो फिर हमें सभी काम कठिन लगने लगेंगे। अतः पुरुषार्थी व्यक्तियों की दृष्टि में काम केवल काम होता है। कठिन सरल के वर्गीकरण के चक्कर में न पड़ते हुए वे उसे पूरा करने में जुट पड़ते हैं।जो कार्य को पूरा करने मे जुटते है उनके मन कभी किसी कार्य को