तुम मुझ में। नूर भर कर जाते हो। मैं समझ नहीं पाती हूं यह तेरी लीला अद्भुत है यह नूर तेरे चरणों में अर्पित है। आज जमीन पर पैर नहीं पढ़ते हैं। आज दिल काबू में नहीं आता है दिल की हर धड़कन तुम्हें पुकारती है। तू मुझे दर्शन दे कर छुप जाते हो फिर आहट पैदा करते हो।जय श्री राम अनीता गर्ग
you in me You leave full of light. I can’t understand this your leela is amazing This light is offered at your feet. Today feet on the ground are not read. Today the heart is not under control, every heartbeat calls you. You hide after giving me darshan, then you create noise.
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