हे दयामय दीन पालक अज विमल निष्काम हो।
जगतपति जग व्याप्त जगदाधार जग विश्राम हो।।
दिवस-निशि जिसकी प्रबल भय रोग कि हो वंदना।
उस दुखी जन के लिए तुम वास्तविक सुख धाम हो।।
क्लेश इस कलिकाल का उसको कभी व्यापे नहीं।
ह्रदय में जिनके तुम्हारा ध्यान आठो याम हो।।
एक ही अभिलाष है पूरी इसे कर दो प्रभो।
मेरी रसना पे सदा रस “बिन्दु”मय हरि नाम हो।। राधे~कृष्णा
O merciful protector of the poor, be pure and selfless today.
Jagatpati Jag Vyapt Jagdadhar Jag Vishram Ho.
Day-Nishi who has a strong fear of disease, worship.
You are the real abode of happiness for that sad person.
The tribulation of this Kalikaal will never affect him.
In whose heart you have eight yamas.
There is only one desire, fulfill it Lord.
May the name of Hari always be like a “point” on my rasna. Radhe~Krishna