“ऐ रामकुमार, आवाज़ दो अपने लड़के को.. और कह दो सात-आठ मीटर गेंदे की लड़ियां और लेकर आए, दरवाज़ा बड़ा सूना लग रहा है.. है कि नहीं?” मांजी ने माली को आवाज़ देते हुए मुझसे पूछा, मैं ‘हां’ में गर्दन हिलाकर अपने कमरे में आकर लेट गई. कितने उत्साह से पूरा परिवार लगा हुआ है देवरानी की ‘गोद भराई’ की तैयारी में, मन डूबने लगा… ये दिन मेरे जीवन में तो आया ही नहीं!”क्या कर रही हो यहां कमरे में अकेले? चलो तुम्हें रीना आवाज़ दे रही है.” समीर आकर मेरे सिरहाने खड़े हो गए थे, मैं उनका हाथ पकड़कर अचानक रो पड़ी.
“तुमसे किसी ने कुछ कहा है क्या?.. तुम बस ऐसे ही परेशान हो रही हो.” वो मुझे समझाकर चले गए. मैं धीरे-धीरे देवरानी के कमरे की ओर बढ़ने लगी. कोई मुझसे कुछ कहता नहीं, लेकिन क्या मुझे समझ में नहीं आता था? मांजी बात-बात पर “इतने दिनों बाद तो ये दिन आया है…” कहकर क्या मुझे नश्तर नहीं चुभा जाती थीं? “रीना! तुम मुझे बुला रही थी?..” रीना के कमरे में ब्यूटीशियन बैठी हुई थी. बिस्तर पर लाल बनारसी साड़ी और जड़ाऊ सेट, मेरा मन फिर भर आया. मांजी ने कमरे में धड़धड़ाते हुए प्रवेश किया, “तुम अभी तक तैयार नहीं हुई रीना? ख़ूब बढ़िया तैयार करना हमारी बहुरिया को… आज इसका दिन है.” मांजी ने ब्यूटीशियन से कहा. एक बार और मेरी तरफ़ देखा, मैं चुपचाप खड़ी रही.तब तक मांजी खिड़की से बाहर झांककर चिल्लाईं, “ऐ रामकुमार! ये वाले गमले पीछे, हां हां.. ये सारे… और वो फ़ूलवाले पौधे आगे… अकल तो लगाओ थोड़ी, फ़ूलवाले पौधे पीछे धर दिए.”
रीना मेरी ओर देखती रही, मैं चुपचाप उसकी चूड़ियों का सेट तैयार कर रही थी… वो पेट पर हाथ लगाकर धीरे से खड़ी हो गई और ब्यूटीशियन से बोली, “आप पहले मेरी जेठानी को तैयार कर दीजिए.” मांजी कमरे से बाहर जाते हुए ठिठक गईं. वो कुछ कहतीं इससे पहले रीना ने खिड़की पर जाकर माली को आवाज़ दी, “रामकुमार काका! हर पौधे की अपनी महत्ता होती है, चाहे उसमें फूल आएं या ना आएं!” फिर थोड़ी और तेज आवाज़ में बोली, “जो पौधा जहां है, वहीं रहने दीजिए… बिना फूलवाले पौधे को पीछे नहीं रखा जाएगा.”
“Hey Ramkumar, give a call to your boy.. and tell him to bring seven-eight meter more marigold strands, the door seems very empty… isn’t it?” Mother called out to the gardener and asked me, I nodded ‘yes’ and came to my room and lay down. With so much enthusiasm, the whole family is busy preparing for the ‘baby shower’ of sister-in-law, my mind started sinking… This day has never come in my life!” What are you doing here alone in the room? Come on, Reena is calling you. ” Sameer came and stood at my bedside, I suddenly cried holding his hand. “Has anyone said anything to you? You are just getting upset like this.” He explained to me and went away. I slowly started moving towards sister-in-law’s room. No one said anything to me, but didn’t I understand? Didn’t my mother tease me by saying every now and then, “After so many days, this day has come…”? “Reena! You were calling me?..” The beautician was sitting in Reena’s room. Red Banarasi saree and jadau set on the bed, my mind was filled again. Mother entered the room with a thud, “Are you not ready yet, Reena? Prepare our daughter-in-law very well… today is her day.” Mother told the beautician. Looked at me once more, I stood silently. Till then mother peeped out of the window and shouted, “Hey Ramkumar! These pots behind, yes yes… all these… and those flowering plants in front… at least use some wisdom, flowering plants.” “Put it back.” Reena kept looking at me, I was silently preparing her set of bangles… She stood up slowly with her hand on her stomach and said to the beautician, “You prepare my sister-in-law first.” Mother stopped while leaving the room. Before she could say anything, Reena went to the window and called out to the gardener, “Ramkumar Kaka! Every plant has its own importance, whether it has flowers or not!” Then she said in a louder voice, “Let the plant remain where it is… a plant without flowers will not be kept back.”