शिक्षा और सशक्तिकरण का महत्व

एक दिन, एक कंपनी में साक्षात्कार के दौरान, बॉस, जिसका नाम अनिल था, ने सामने बैठी महिला, सीमा से पूछा, आप इस नौकरी के लिए कितनी तनख्वाह की उम्मीद करती हैं?

सीमा ने बिना किसी झिझक के आत्मविश्वास से कहा, “कम से कम 80,000 रुपये।

अनिल ने उसकी ओर देखा और आगे पूछा, “आपको किसी खेल में दिलचस्पी है?

सीमा ने जवाब दिया, जी, मुझे शतरंज खेलना पसंद है।

अनिल ने मुस्कुराते हुए कहा, शतरंज बहुत ही दिलचस्प खेल है। चलिए, इस बारे में बात करते हैं। आपको शतरंज का कौन सा मोहरा सबसे ज्यादा पसंद है? या आप किस मोहरे से सबसे अधिक प्रभावित हैं?

सीमा ने मुस्कुराते हुए कहा, वज़ीर।

अनिल ने उत्सुकता से पूछा, “क्यों? जबकि मुझे लगता है कि घोड़े की चाल सबसे अनोखी होती है।”

सीमा ने गंभीरता से जवाब दिया, “वास्तव में घोड़े की चाल दिलचस्प होती है, लेकिन वज़ीर में वो सभी गुण होते हैं जो बाकी मोहरों में अलग-अलग रूप से पाए जाते हैं। वह कभी मोहरे की तरह एक कदम बढ़ाकर राजा को बचाता है, तो कभी तिरछा चलकर हैरान करता है, और कभी ढाल बनकर राजा की रक्षा करता है।”

अनिल ने उसकी समझ से प्रभावित होते हुए पूछा, “बहुत दिलचस्प! लेकिन राजा के बारे में आपकी क्या राय है?”

सीमा ने तुरंत जवाब दिया, “सर, मैं राजा को शतरंज के खेल में सबसे कमजोर मानती हूँ। वह खुद को बचाने के लिए केवल एक ही कदम उठा सकता है, जबकि वज़ीर उसकी हर दिशा से रक्षा कर सकता है।”

अनिल सीमा के जवाब से प्रभावित हुआ और बोला, “बहुत शानदार! बेहतरीन जवाब। अब ये बताइए कि आप खुद को इनमें से किस मोहरे की तरह मानती हैं?”

सीमा ने बिना किसी देर के जवाब दिया, राजा।

अनिल थोड़ी हैरानी में पड़ गया और बोला, “लेकिन आपने तो राजा को कमजोर और सीमित बताया है, जो हमेशा वज़ीर की मदद का इंतजार करता है। फिर आप क्यों खुद को राजा मानती हैं?

सीमा ने हल्की मुस्कान के साथ कहा, जी हाँ, मैं राजा हूँ और मेरा वज़ीर मेरा पति था। वह हमेशा मेरी रक्षा मुझसे बढ़कर करता था, हर मुश्किल में मेरा साथ देता था, लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं है।

अनिल को यह सुनकर थोड़ा धक्का लगा, और उसने गंभीरता से पूछा, “तो आप यह नौकरी क्यों करना चाहती हैं?

सीमा की आवाज भर्राई, उसकी आँखें नम हो गईं। उसने गहरी सांस लेते हुए कहा, क्योंकि मेरा वज़ीर अब इस दुनिया में नहीं रहा। अब मुझे खुद वज़ीर बनकर अपने बच्चों और अपने जीवन की जिम्मेदारी उठानी है।

यह सुनकर कमरे में एक गहरी खामोशी छा गई। अनिल ने तालियाँ बजाते हुए कहा, बहुत बढ़िया, सीमा। आप एक सशक्त महिला हैं।

🌼🍀

यह कहानी उन सभी #बेटियों के लिए एक प्रेरणा है जो जिंदगी में किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना कर सकती हैं। बेटियों को अच्छी शिक्षा और परवरिश देना बेहद जरूरी है,

ताकि अगर कभी उन्हें कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़े, तो वे खुद वज़ीर बनकर अपने और अपने परिवार के लिए एक मजबूत ढाल बन सकें।

किसी विद्वान ने कहा है, एक बेहतरीन #पत्नी वह होती है जो अपने पति की मौजूदगी में एक आदर्श औरत हो, और पति की गैरमौजूदगी में वह मर्द की तरह परिवार का बोझ उठा सके।

यह कहानी हमें सिखाती है कि #जीवन में परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, अगर आत्मविश्वास और समझदारी हो, तो कोई भी मुश्किल हालात को पार किया जा सकता है।



One day, during an interview at a company, the boss, whose name was Anil, asked the woman sitting in front, Seema, how much salary do you expect for this job?

“At least Rs 80,000,” Seema said confidently without any hesitation.

Anil looked at her and asked further, “Are you interested in any sport?

Seema replied, Yes, I like playing chess.

Anil said smilingly, Chess is a very interesting game. Come on, let’s talk about this. Which chess piece do you like best? Or which piece are you most impressed with?

Seema said smilingly, Wazir.

Anil asked curiously, “Why? While I think the gait of a horse is the most unique.”

Seema replied seriously, “Indeed the knight’s movements are interesting, but the Wazir has all the qualities that are different from the rest of the pieces. He sometimes saves the king by making a move like a pawn. Sometimes he surprises by moving sideways, and sometimes he protects the king by becoming a shield.”

Impressed by her understanding, Anil asked, “Very interesting! But what do you think about the king?”

Seema immediately replied, “Sir, I consider the King to be the weakest in the game of chess. He can take only one move to save himself, while the Vizier can protect him from every direction.”

Anil was impressed by Seema’s answer and said, “Excellent! Excellent answer. Now tell me which of these pawns do you consider yourself to be?”

Seema replied without any delay, Raja.

Anil was a little surprised and said, “But you have described the king as weak and limited, who always waits for the help of the minister. Then why do you consider yourself a king?

Seema said with a light smile, Yes, I am the king and my minister was my husband. He always protected me more than myself, supported me in every difficulty, but now he is no more in this world.

Anil was a little shocked to hear this, and he asked seriously, “So why do you want to do this job?

Seema’s voice hoarse, her eyes became moist. Taking a deep breath he said, because my minister is no more in this world. Now I myself have to become a minister and take the responsibility of my children and my life.

Hearing this there was a deep silence in the room. Anil applauded and said, Very good, Seema. You are a strong woman.

This story is an inspiration for all those #daughters who can face any kind of difficulties in life. It is very important to give good education and upbringing to daughters,

So that if ever he has to face difficult situations, he can become a Wazir himself and become a strong shield for himself and his family.

Some scholar has said, an excellent #wife is one who is an ideal woman in the presence of her husband, and who can bear the burden of the family like a man in her absence.

This story teaches us that no matter what the circumstances are in life, if there is confidence and understanding, any difficult situation can be overcome.

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