णमो अरिहंताणं- मैं अरिहंतों को नमन करता हूँ।
णमो सिद्धाणं- मैं सिद्धों को नमन करता हूँ।
णमो आयरियाणं- मैं आचार्यो को नमन करता हूँ।
णमो उवज्झायाणं- मैं उपाध्याओ को नमन करता हूँ।
णमो लोए सव्व साहूणं- मैं लोक (जगत्) के सर्व साधुओ को नमन करता हूँ।
एसोपंचणमोक्कारो- ये पाँच नमन के उच्चार,
सव्वपावप्पणासणो- सभी पापो का पूरा नाश करते हैं।
मंगला णं च सव्वेसिं- और, सभी मंगलों में,
पडमम हवई मंगलं- यह बिलकुल प्रथम मंगल हैं।
सभी देशवासियों एवं जैन धर्मावलंबियों को स्वामी महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं..!
Namo Arihantanam- I salute the Arihants.
Namo Siddhanam- I salute the Siddhas.
Namo Ayriyanam – I bow down to the Acharyas.
Namo uvajjhayanam – I bow to the teachers.
Namo Loe Savva Sahunam- I salute all the saints of the world.
Esopanchanmokkaro- the utterance of these five salutations,
Savvapavappanasano – destroys all sins completely.
Mangala naam cha savvesin—And, of all the auspicious ones,
Padmam Havai Mangalam – This is the very first Mangala.
Best wishes to all the countrymen and followers of Jainism on the occasion of Swami Mahavir Jayanti..!