हे शिव आपको हमारा बारम्बार प्रणाम है बारम्बार प्रणाम हे अजन्मा अनादि सत्त – चित आनंद हे करूणानिधान सच्चिदानंद सर्व शक्ति मान सर्नियन्ता। आपको बारम्बार प्रणाम
आप प्रेम करने वाले से प्रेम करते हैं भजन करने वालो को भजते है फिर भी आपकी दृष्टि में विषमता नही है। क्योंकि आप सारे जगत के परम सुह्रद और आत्मा है। हे प्रभु आप समस्त प्राणीयौ और पदार्थों मे सम स्थिति में है। प्रभु आप समस्त प्राणीयौ की आत्मा है। हे सर्व स्वरुप आपके चरणों में अविचल भक्ति हो। आप के भक्तों मे मेरा सोदार्ह मैत्री का सम्बन्ध हो और समस्त प्राणीयौ के प्रति अहैतक दया का भाव बन जाए।
हे प्रभु हम तो यही चाहते हैं आपमे हमारा अनन्य प्रेम हो जाए। हमारे ह्रदय में निरन्तर आपका चिन्तन होता रहे।।।
Oh Shiva, we bow down to you again and again, O unborn eternal being, eternal bliss, O Karunanidhan, Sachchidananda, Sarv Shakti Maan Sarniyanta. kudos to you again and again You love the one who loves, worship the one who worships, yet there is no disparity in your vision. Because you are the best friend and soul of the whole world. O Lord, you are in the same position in all beings and things. Lord you are the soul of all the living beings. May there be unwavering devotion at your feet, O Sarva Swaroop. Let there be a relation of cordial friendship with your devotees and there should be a feeling of unconditional kindness towards all the living beings. O Lord, we only want that we should have exclusive love for you. May you always be thought of in our hearts.