भगवान को दोष क्यों ?

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एक संत एक गाँव से गुजर रहे थे.
एक खेत में गेंहू के लहलहाते हुए
पौधे देखकर उन्होंने कहा ~
भगवान् की कृपा से इस बार
फसल बहुत अच्छी हुई है.
खेत के किनारे
हुक्का गुड़गुड़ाते हुए किसान ने
यह सुनकर कहा ~ साधु बाबा !
इसमें भगवान की कृपा कहाँ से आ टपकी ?
मैंने खून पसीना एक कर के
खेत जोता, बीज बोए, पानी देता रहा.
मेरे परिश्रम के कारण ही खेत लहलहा रहा है.
किसान की बात सुनकर साधु
मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गये.

कुछ दिन बाद….. . उसी गाँव से लौटते हुए संत , उसी खेत के पास,

एक पेड़ के नीचे बैठ गए.
उन्होंने देखा कि गेंहू के पौधे
झुलसे पड़े है, उनमें कीड़ा भी लग गया था.
संत को देखते ही किसान
उनके लिए लोटा भर पानी ले आया.
संत ने किसान से
सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा ~
भैया , बहुत बुरा हुआ.
हरे-भरे खेतों को क्या हो गया ?
किसान ने कहा ~ बाबा,
मुझे भगवान ने कहीं का नहीं छोड़ा,
कीड़े ने पूरी फसल बर्बाद कर दी.
यह सुनते ही संत ने कहा ~ लेकिन,
उस दिन तो तुम कह रहे थे, कि
लहलहाती फसल
तुम्हारी मेहनत का नतीजा है.
इसमें भगवान की कृपा नहीं है,
ऐसे में अब फसल की बर्बादी का दोष
भगवान को क्यों देते हो ?
अपने प्रारब्ध या प्रकृति का दोष
क्यों नहीं मानते ?
★ किसान को समझ में आ गया कि
न तो उसका अहंकार ठीक था,
और ना ही तबाही के लिए
भगवान को दोष देना उचित है.

यही हाल हम मनुष्यों का है,
कि अगर कोई अच्छा काम कर दिया तो हमने किया
और हमारे जीवन में कोई बुरा नतीजा
सामने आया जो हमें दुःख दे,
जिससे हम दुखी होते हैं तो
सीधा आरोप भगवान को देते हैं कि भगवान ये क्या कर दिया ?
ये कौन से जन्म का फल हमें दे रहे हो,
मैंने आपका क्या बिगाड़ा था ?

शिक्षा : हम अपने कर्मों के फल के एकमात्र कारण हैं,
कृष्ण हमेशा हमारे शुभचिंतक हैं, प्रभु को नमन करें l
उन्हें दोष न दें l
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
मंगलमय मध्याह्न
स्नेह वंदन
प्रणाम



A saint was passing through a village. swaying wheat in a field Seeing the plant, he said by the grace of god this time The crop has been very good. farm edge The farmer humming his hookah Hearing this said ~ Sadhu Baba! From where did God’s grace drip in this? i sweated my blood Plowed the field, sowed the seeds, kept giving water. The farm is flourishing because of my hard work. Sadhu listening to the farmer He went ahead smiling.

A few days later….. . Saints returning from the same village, near the same field,

sat down under a tree. He saw that the wheat plants They are scorched, there was also a worm in them. Farmer on seeing the saint Brought a pot of water for him. The saint asked the farmer expressing sympathy Brother, it is very bad. What happened to the green fields? The farmer said ~ Baba, God has not left me anywhere, Insects ruined the entire crop. On hearing this the saint said ~ But, That day you were saying that swaying crop It is the result of your hard work. God’s grace is not in it, In such a situation, the blame for crop failure is now Why do you give to God? fault of one’s destiny or nature Why don’t you agree? ★ The farmer understood that Neither was his arrogance right, nor to destruction It is right to blame God. Same is the case with us humans. that if we did a good deed, we did it and any bad result in our life came forward to hurt us, what makes us sad They give a direct allegation to God that what did God do? What fruit of this birth are you giving us? What did I do to you?

Lesson: We are the sole cause of the fruits of our actions, Krishna is always our well wisher, bow down to the Lord. don’t blame them happy afternoon love greetings Greetings

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