एक पुलिसके सीनियर सुपरिंटेंडेंट अंग्रेज सज्जन थे। एक बार उनपर कोई संकट आया। एक ब्राह्मण चपरासीने उनसे कहा-‘सरकार! गणेशजी सिद्धिदाता और सब संकटोंका नाश करनेवाले हैं। आप गणेशजीकी मूर्ति मँगवाकर उसकी पूजा कीजिये और जब किसी नये कामका आरम्भ करना हो या कहीं जाना हो तो गणेशजीका ध्यान कर लिया कीजिये।’साहबने ऐसा ही किया। उनका संकट टल गया। फिर तो वे गणेशजीकी एक सुन्दर हाथीदाँतकी मूर्तिको जेबमें ही रखने लगे। जब कहीं जाते या नया काम करते मूर्ति निकालकर हाथ जोड़कर प्रार्थना कर लेते।
उन्होंने बताया था कि गणेशजीकी कृपासे वे कभी असफल नहीं हुए।
The Senior Superintendent of Police was an English gentleman. Once a crisis befell him. A Brahmin peon said to him – ‘Government! Ganesha is the giver of success and the destroyer of all troubles. You get an idol of Ganesha and worship it and when you want to start a new work or go somewhere, meditate on Ganesha.’Sir did the same. His crisis averted. Then he started keeping a beautiful ivory idol of Ganesha in his pocket. While going somewhere or doing a new job, he would take out the idol and pray with folded hands.
He told that by the grace of Ganesha he never failed.