महालक्ष्मी धर अवतारा। सब विधि करत पाप को छारा॥

सीता राम पुनीता गायो। भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥

घट सों प्रकट भई सो आई। जाको देखत चन्द्र लजाई॥

जो तुम्हरे नित पांव पलोटत। नवो निद्धि चरणन में लोटत॥

सिद्धि अठारह मंगलकारी। सो तुम पर जावै बलिहारी॥

आपके साथ-साथ मां महालक्ष्मी ने भी अवतार रुप लेकर हर विधि से पाप का नाश किया। इसीलिए सीता राम का पवित्र नाम गाया जाता है। मां भुवनेश्वरी अपना प्रभाव दिखाती हैं। माता सीता ने जब अवतार लिया तो वे घट यानि घड़े से प्रकट हुई इनका रुप इतना सुंदर था कि जिन्हें देखकर चंद्रमा भी शरमा जाए। हे प्रभु जो नित्य आपके चरणों को धोता है नौ निधियां उसके चरणों में लौट लगाती हैं। उसके लिए अठारह सिद्धियां मंगलकारी होती हैं जो आप पर न्यौछावर हैं।

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