कोई महात्मा बैठे थे। उनके पास एक कुत्ता आकर बैठ गया। तब किसी असभ्य मनुष्यने महात्मासे पूछा ‘तुम दोनोंमें श्रेष्ठ कौन है ?’ महात्माने कहा, ‘यदि मैं प्रभुकी सेवाके लिये सत्कर्म करता हूँ तब तो मैं श्रेष्ठ हूँ और यदि मैं भोग-विलासमें जीवन बिताता हूँ तो मेरे-जैसे सैकड़ों मनुष्योंसे यह कुत्ता श्रेष्ठ है ।’
Some Mahatma was sitting. A dog came and sat near him. Then some uncivilized man asked Mahatma ‘Who is the best among you two?’ Mahatma said, ‘If I do good deeds in the service of the Lord, then I am the best and if I live in luxury, then this dog is better than hundreds of people like me.’