चंद्रदर्शन का पौराणिक काल से हिंदु धर्म में काफी महत्व रहा है क्योंकि चद्रंमा को देवता समान माना जाता है। चंद्र दर्शन का अर्थ चन्द्रमा का दर्शन करना। इसे चंद्र दर्शन इसलिये कहा जाता है क्योंकि इसे प्रायः अमावस्या के बाद की द्वितीया के दिन देखा जाता है। भगवान शंकर की जटाओं में भी द्वितीया का चंद्र विराजमान होने से इसका आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से महत्त्व बढ़ जाता है।
क्या करते हैं इस दिन
हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन एक बहुत ही आवश्यक महत्व रखता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन का एक धार्मिक महत्व है। इस विशेष दिन भगवान चंद्रमा की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना बहुत ही फलदायी होता है। साथ-ही-साथ इसे भाग्यशाली और समृद्धि का घोतक भी माना जाता है।
चंद्र दर्शन को हिंदुं धर्म में भगवान चंद्रमा की तरह माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से घर में सुख-शांति व स्मृद्धि आती है और अन्य देवता भी प्रसन्न होते हैं। भगवान चंन्द्रमा की पूजा घर में सफलता और सौभाग्य लाती है।
चंद्र दर्शन से संबंधित अनुष्ठान
कई प्रांतों खासकर दक्षिण भारतीय महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं ताकि अपने पति और बच्चों की लंबी उम्र के लिये ईश्वर का आशीर्वाद मिल सके। इस दिन हिंदू संस्कृति से जुड़े लोग चंद्रमा देव की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता हैं। चंद्र देव जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे मन से उपवास भी रखा जाता है। उपवास के दौराना भक्त पूरे दिन किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। चांद दिखने के बाद ही उपवास समाप्त किया जाता है और साथ ही पूरी श्रद्धा भाव के साथ प्रार्थना की जाती हैं
ऐसा माना जाता है चंद्रमा की पूजा करना बहुत ही अधिक शुभ होता है और घर में सौभाग्य और समृद्धि लेकर आती है। इस दिन दान देने को बहुत ही अधिक अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही ब्राह्मणों को चीनी,चावल और सफेद कपड़े दान करना और भी अधिक अच्छा माना जाता हैं।
चन्द्र दर्शन का महत्व
चांद को देवता समान उपाधि दी गई है। इसके अतिरिक्त चंद्रमाको नौ ग्रहों में से एक बहुत ही विशेष माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा का पृथ्वी पर मनुष्यों जीवन पर एक बहुत ही विशेष प्रभाव होता है। चंद्र दर्शन करने से और इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार की नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है। जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। इस विशेष दिन पर भगवान चंद्रमा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में पवित्रता और ज्ञान का अद्भुद् संचार होता है। जीवन में नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। व्रत के दौरान चंद्र मंत्रों का जाप किया जाता है ताकि अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सके।
स्वास्थय के लिये भी लाभदायक
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चंद्र दर्शन का ना केवल धार्मिक महत्व होता है बल्कि यह शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। ऐसा कहा जाता है इस दिन उपवास रखने से मानव शरीर में वात, पित्त और कफ के तत्वों में अच्छा संतुलन पैदा होता है ताकि रोग ना हो। यानि चंद्र दर्शन स्वास्थय के संबंध में भी काफी लाभदायक है।
ज्योतिष शास्त्र में चन्द्र दर्शन
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इस दिवस की गणना चुनौतीपूर्ण होती है। क्यूँकि, इस दिन सूर्यास्त के तत्काल बाद चन्द्रमा मात्र कुछ समय के लिए ही दिखाई देता है। चन्द्र दर्शन वाले दिन चन्द्रमा और सूर्य दोनों समान क्षितिज पर स्थित होते हैं इस कारण चन्द्र दर्शन सूर्यास्त के बाद ही सम्भव होता है, जब चन्द्रमा स्वयं ही अस्त होने वाला होता है।
द्वितीया तिथि चंद्रमा की दूसरी कला है। इस कला का अमृत कृष्ण पक्ष में स्वयं सूर्यदेव पी कर स्वयं को ऊर्जावान रखते हैं व शुक्ल पक्ष में पुनः चंद्रमा को लौटा देते हैं।
यदि किसी जातक की जन्मपत्री में चंद्रमा नीच का है तो उसे गुस्सा जल्दी आता है इस कारण जातक मानसिक तनाव में रहता है. ऐसे लोगों की मां को भी कई परेशानियां होती हैं साथ ही पैसा भी पानी की तरह खर्च होता है. ऐसे लोग यदि इस दिन चंद्र भगवान की पूजा-अर्चना कर उनके दर्शन करते हैं तो उन्हें कई प्रकार के मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है और उनपर मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।
शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान शंकर गौरी के समीप होते हैं, अतः शिवपूजन, रुद्रभिषेक, पार्थिव पूजन व विशेष रूप से चंद्र दर्शन व पूजन अति शुभ माना गया है। चंद्र दर्शन हर महीने अमावस्या के बाद जब पहली बार चंद्रमा आकाश पर दिखता है उसे चंद्र दर्शन कहते है। शास्त्रनुसार इस समय चंद्र दर्शन करना अत्यंत फलदायक होता है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार चंद्रमा मन व ज्ञान का स्वामी माना जाता है। कुंडली में अशुभ चंद्रमा होने से मानसिक विकार, माता को कष्ट, धन हानि की संभावना रहती है। अतः दूज पर चंद्र दर्शन और विधिवत चंद्रदेव के पूजन से मानसिक शांति व स्थिरता, धन लाभ, माता को स्वास्थ्य लाभ व ज्ञान में वृद्धि मिलती है। साथ ही सौभाग्य व संपत्ति की प्राप्ती होती है।
पूजन विधि:👉 संध्या के समय चंद्र देव का दशोपचार पूजन करें। गौघृत का दीपक करें, कर्पूर जलाकर धूप करें, सफेद फूल, चंदन, चावल, व इत्र चढ़ाएं, खीर का भोग लगाएं व पंचामृत से चंद्रमा को अर्घ्य दे तथा सफेद चंदन की माला से 108 बार इस विशिष्ट मंत्र जपें। पूजन के बाद भोग किसी स्त्री को भेंट करें।
चंद्र दर्शन मुहूर्त: शाम 17:30 से शाम 18:30 तक।
चंद्र पूजन मुहूर्त: शाम 18:00 से शाम 19:00 तक।
पूजन मंत्र: ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात॥
उपाय
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मानसिक विकार से मुक्ति हेतु जल में अपनी छाया देखकर चंद्र देव पर चढ़ाएं।
माता के स्वास्थ्य में सुधार के लिए चंद्र देव पर चढ़ी शतावरी माता को भेंट करें।
सौभाग्य की प्राप्ति के लिए चंद्र देव पर चढ़ा चांदी का सिक्का तिजोरी में रखें।
Chandra Darshan has been of great importance in Hinduism since mythological times because the moon is considered as a deity. Chandra darshan means seeing the moon. It is called Chandra Darshan because it is usually seen on the second day after Amavasya. Due to the presence of Moon in second half of Lord Shankar’s locks, its spiritual and physical importance increases.
what do you do on this day
Moon sighting holds a very essential significance in Hinduism. According to beliefs, this day has a religious significance. Lord Moon is worshiped with full devotion on this special day. According to Hindu religion, seeing the moon on this day is very fruitful. At the same time, it is also considered lucky and a sign of prosperity.
Chandra Darshan is considered like God Moon in Hinduism. It is believed that worshiping the Moon brings happiness, peace and prosperity in the house and other deities are also pleased. Worship of Lord Chandrama brings success and good luck in the house.
rituals related to moon sighting
Women in many provinces, especially in South India, observe a fast on this day to seek God’s blessings for the long life of their husbands and children. On this day people associated with Hindu culture worship Moon God with full devotion and seek his blessings. To please Chandra Dev ji, fasting is also observed wholeheartedly. During fasting, devotees do not take any kind of food for the whole day. The fast is broken only after the sighting of the moon and prayers are offered with full devotion. It is believed that worshiping the moon is very auspicious and brings good luck and prosperity to the house. Donating on this day is considered very auspicious. Along with this, donating sugar, rice and white clothes to Brahmins is considered even more auspicious.
Significance of Chandra Darshan The moon has been given the title of a deity. Apart from this, Moon is considered very special among the nine planets. It is believed that the moon has a very special effect on human life on earth. Seeing the moon and fasting on this day gets rid of all kinds of negativity. There is communication of positivity in life. Worshiping Lord Moon on this special day brings a wonderful infusion of purity and knowledge in the lives of the devotees. Get rid of negative thoughts in life. Moon mantras are chanted during the fast to get good results.
beneficial for health Moon sighting not only has religious significance but it is also helpful in keeping the body healthy. It is said that keeping fast on this day creates a good balance in the elements of Vata, Pitta and Kapha in the human body so that diseases do not occur. Means moon sighting is also very beneficial in relation to health.
moon sighting in astrology Calculating this day is challenging. Because, immediately after sunset on this day the moon is visible only for some time. On the day of Chandra Darshan, both the Moon and the Sun are located on the same horizon, therefore Chandra Darshan is possible only after sunset, when the Moon itself is about to set.
Dwitiya Tithi is the second phase of Moon. By drinking the nectar of this art, the Sun God himself keeps himself energetic in the Krishna Paksha and returns it to the Moon again in the Shukla Paksha.
If the Moon is debilitated in the horoscope of a person, then he gets angry quickly, due to this the person remains in mental tension. The mother of such people also has to face many problems as well as money is also spent like water. If such people visit the Moon God on this day after worshiping him, then they get freedom from many types of mental diseases and the blessings of Goddess Lakshmi remain on them.
Lord Shankar is near Gauri on the second day of Shukla Paksha, hence Shiv Poojan, Rudrabhishek, Parthiv Poojan and especially Chandra Darshan and Poojan are considered very auspicious. Chandra Darshan: Every month after Amavasya, when the moon appears on the sky for the first time, it is called Chandra Darshan. According to the scriptures, seeing the moon at this time is very fruitful. According to astrology, Moon is considered the master of mind and knowledge. Due to inauspicious moon in the horoscope, there is a possibility of mental disorder, pain to the mother, loss of money. Therefore, seeing the moon on Duj and duly worshiping the moon god gives mental peace and stability, wealth gain, health benefits to the mother and increase in knowledge. Along with this, good fortune and wealth are attained.
Worship Method: 👉 Worship Chandra Dev’s Dashopachar in the evening. Light Gaughrit lamp, burn camphor, offer incense, offer white flowers, sandalwood, rice, and perfume, offer Kheer and offer Arghya to the moon with Panchamrit and chant this special mantra 108 times with white sandalwood garland. Offer bhog to a woman after worship.
Moon Darshan Muhurta: 17:30 to 18:30.
Moon worship time: from 18:00 to 19:00.
Mantra for worship: ‘Om Kshiraputraya विद्महे Amrita Tattvaya धीमहि। May the Moon be pleased with us”
Measure 〰 To get rid of mental disorder, after seeing your shadow in the water, offer it to the moon god.
To improve the health of the mother, offer Asparagus offered to the moon god.
To get good luck, keep a silver coin offered to the moon god in the vault.