||जय श्रीकृष्ण ||
मित्रों, सुप्रभातम्
वरिष्ठ जनों को सादर प्रणाम,
रविवार, 12 मार्च, 2023
विक्रमी संवत 2079, शक संवत 1944
चैत्र माह कृष्ण पक्ष
नक्षत्र: स्वाति
पंचमी तिथी
रंग पंचमी
आज रंग पंचमी पर्व है। रंग पंचमी के दिन को देवताओं की होली का दिन माना जाता है। इस दिन आकाश में गुलाल उड़ाया जाता है। इसे होली पर्व का समापन भी कहा जाता है। रंगपंचमी का पर्व वैसे तो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात तथा मध्यप्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर की रंगपंचमी पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस दिन इंदौर में बहुत बड़ी शोभायात्रा निकलती है जिसमें लाखों की सँख्या में लोग सम्मिलित होते हैं तथा आकाश में गुलाल उड़ाया जाता है। उड़ते रंग और गुलाल का ये दृश्य बहुत मनमोहक होता है। ये गुलाल उस दिन देवी देवताओं को अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि रंग बिरंगे गुलाल की सुंदरता देखकर देवता अति प्रसन्न होते हैं तथा इससे पूरा वातावरण सकारात्मक हो जाता है। ऊपर को फेंका गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे व्यक्ति के तामसिक और राजसिक अवगुणों का नाश होता है, उसके भीतर की नकारात्मकता का अंत होता है तथा सात्विक गुणों में वृद्धि होती है।
रंग पंचमी को राधा कृष्ण के पूजन का दिन माना जाता है तथा उन्हें अबीर, गुलाल अर्पित किया जाता है। कहा जाता है कि इससे व्यक्ति की कुंडली के बड़े दोष भी समाप्त हो जाते हैं तथा जीवन प्रेम से भर जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी तथा भगवान श्रीहरि की पूजा का भी विधान है।
आप सभी को परिवार सहित रंग पंचमी की रंग भरी मंगलमय कामनायें!! प्रसन्न रहें !! एक बार प्रेम से अवश्य कहें/लिखें, जय जय श्रीराधेकृष्णा, जय जय सियाराम!!! ईश्वर सदैव हमारे संग हैं आपका दिन मंगलमय हो