श्री सीतानवमी की हार्दिक शुभकामनाएं
जासु अंस उपजहिं गुनखानी। अगनित लच्छि उमा ब्रह्मानी॥
भृकुटि बिलास जासु जग होई। राम बाम दिसि सीता सोई॥
भावार्थ-
जिनके अंश से गुणों की खान अगणित लक्ष्मी, पार्वती और ब्रह्माणी (त्रिदेवों की शक्तियाँ) उत्पन्न होती हैं तथा जिनकी भौंह के इशारे से ही जगत् की रचना हो जाती है, वही (भगवान की स्वरूपा-शक्ति) सीता राम की बाईं ओर स्थित हैं।
Best wishes for Shri Sitanavami
Jasu ans upajhin gunkhani. Countless Lachhi Uma Brahmani. Bhrikuti Bilas Jasu Jag Hoi. Ram baam disi sita soi ॥
gist- From whose fraction the innumerable mines of virtues Lakshmi, Parvati and Brahmani (the powers of the Tridevas) arise and from whose brow the world is created, that (God’s Swarupa-Shakti) Sita is situated on the left side of Rama.