बड़ी दूर से चल कर आया हु मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
इक फूल गुलाब का लाया हु चरणों में तेरे रखने के लिए,
न रंग महल की अभिलाषा ना ईशा सोने चांदी की,
तेरी दया की दोलत काफी है,
झोली मेरी भरने के लिए,
बड़ी दूर से चल कर आया हु …..
न हीरे मोती न सोना है,
ना धन दोलत की थैली है,
दो आंसू बचा कर लाया हु,
पूजा तेरी करने के लिए,
बड़ी दूर से चल कर आया हु…….
मेरे बाबा मेरी ईशा नही अब यहाँ से वापिस जाने की,
चरणों ने जगह देदो थोड़ी,
मुझे जीवन भर रहने के लिए,
बड़ी दूर से चल कर आया…….
I have come from a long distance to see my Baba,
I have brought a rose flower to keep you at your feet,
Neither the desire of Rang Mahal nor Isha of gold and silver,
The amount of your mercy is enough,
To fill my pocket,
I have come from a long distance…..
neither diamonds nor pearls nor gold,
Neither money is a bag of money,
Saved me two tears
to worship you,
I have come from a long distance…..
My Baba is not my Isha, now I want to go back from here,
Give a little space to the feet,
to last me a lifetime,
Came from a long distance……