।। नमो राघवाय ।।
बंदउँ बालरूप सोइ रामू।
सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू।।
मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी।।
(श्रीरामचरितमानस- १ / १११ / ३ – ४)
अर्थ-
मैं उन्हीं श्रीरामचन्द्र जी के बाल रूप की वंदना करता हूँ, जिनका नाम जपने से सब सिद्धियाँ सहज ही प्राप्त हो जाती हैं।
मंगल के धाम, अमंगल के हरने वाले और श्रीदशरथ जी के आँगन में खेलने वाले बालरूप श्रीरामचन्द्र जी मुझ पर कृपा करें।
।। श्रीराम परमात्मने नमः ।।
।। Namo Raghavaya.
I worship the childlike form of Ramu. all achievements are accessible by chanting Jesus’ name.
That which brings in the auspicious and takes away the inauspicious. Dravau so Dasaratha Ajir Bihari. (Shriramcharitmanas- 1 / 111 / 3 – 4)
Meaning- I worship the child form of the same Shriramchandra ji, by chanting whose name all achievements are easily attained.
Lord Rama, who is the abode of Mars, the destroyer of evil and who plays in the courtyard of Shri Dashrath ji, please bless me.
।। Ome Sri Rama Paramatmane.