जगदगुरु रामभद्राचार्य जी ने ने हनुमान चालीसा में कौनसी ४ अशुद्धियाँ बताई

तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरू रामभद्राचार्य जी महाराज ने हनुमान चालीसा की चौपाइयों में 4 गलतियां बताई है उन्होंने कहा कि पब्लिशिंग कि इन अशुद्धियों को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए इन गलतियों के कारण लोग गलत शब्दों का उच्चारण करते हैं

जगदगुरु रामभद्राचार्य जी ने ने हनुमान चालीसा में कौनसी ४ अशुद्धियाँ बताई

चौपाई ६ – शंकर सुवन केसरी नंदन। इसमें त्रुटि है। इसकी जगह शंकर “स्वयं” केसरी नंदन होना चाहिए। कारण: हनुमान जी शंकर जी के पुत्र नहीं, बल्कि स्वयं उनका ही रूप हैं।

27वीं चौपाई – सब पर राम तपस्वी राजा। इसमें तपस्वी शब्द में त्रुटि है, सही शब्द है- सब पर “रामराज सिर ताजा”

32वीं चौपाई – ‘राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा।’ सही चौपाई है ‘राम रसायन तुम्हरे पासा, “सादर हो” रघुपति के दासा’।

38वीं चौपाई- ‘जो सत बार पाठ कर कोई’ लिखा है। इसमें सही शब्द है, “यह” सत बार पाठ कर जोही’।

रामचरितमानस को मिले राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा

जगदगुरु रामभद्राचार्य जी ने कहा- रामचरितमानस तमाम समस्याओं का एक समाधान है। हमारा प्रयास है कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा दिया जाए। अखंड भारत की संकल्पना जल्द सिद्ध होगी। पाक अधिकृत कश्मीर भी जल्द ही भारत में शामिल हो जाएगा। देश के युवा प्रतिभावान और सशक्त हैं, जो देश को फिर से विश्वगुरु बनाएंगे।

राम जन्मभूमि हिंदुओं की थी और हिंदुओं की रहेगी। रामत्व पूरे विश्व पर छा गया है और अब बिना राम के कुछ नहीं। रामचरितमानस ऐसा ग्रंथ है जिससे सारे ग्रंथों का अर्थ समझ में आ जाएगा। भारत के जन-जन में रामचरितमानस बसा है।

22 भाषाओं के जानकर, 2015 में मिला पद्मविभूषण

रामभद्राचार्य जी 22 भाषाओं के जानकार हैं। अब तक 80 पुस्तकों और ग्रंथों की रचना कर चुके हैं। वे सुनकर सीखते हैं और बोलकर अपनी रचनाएं लिखवाते हैं। चित्रकूट स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ के संस्थापक हैं। साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था। सिर्फ यही नहीं, रामभद्राचार्य ने ही सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के संदर्भ के साथ गवाही दी थी।

रामभद्राचार्य के कुछ और बयान…

2024 में मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री: रामभद्राचार्य जी ने कहा था- मोदी सरकार ने भारत को पांचवी अर्थव्यवस्था बना दिया। 2024 में फिर मोदी जी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और संसद में रामचरितमानस का बिल लाकर राष्ट्रीय ग्रंथ बनाएंगे।

भोजपाल नाम नहीं हो जाता, तब तक भोपाल नहीं आऊंगा:​​ करीब दो महीने जगदगुरु रामभद्राचार्य जी ने भोपाल में रामकथा की थी। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने उन्होंने भोपाल का नाम भोजपाल करने की बात कही थी। वहां एक दिन पहले उन्होंने कथा सुनाने के दौरान कहा था- भोजपाल नाम नहीं हो जाता, तब तक भोपाल नहीं आऊंगा।

~ शुद्ध श्रीहनुमानचालीसा ~

श्रीगुरु चरन सरोज रज

निज मनु मुकुरु सुधारि ।

बरनऊँ रघुबर बिमल जसु

जो दायकु फल चारि ।।

बुद्धिहीन तनु जानिके,

सुमिरौं पवन कुमार ।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं,

हरहु कलेस बिकार ।।

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ।।

राम दूत अतुलित बल धामा ।

अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा ।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।

कुमति निवार सुमति के संगी ।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।

कानन कुंडल कुंचित केसा ।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै ।

काँधे मूँज जनेऊ साजै ।।

शंकर स्वयं केसरीनंदन ।

तेज प्रताप महा जग बंदन ।।

विद्यावान गुनी अति चातुर ।

राम काज करिबे को आतुर ।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।

राम लखन सीता मन बसिया ।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।

बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।

रामचंद्र के काज सँवारे ।।

लाय सजीवन लखन जियाये

सोइ अमित जीवन फल पावै ।।

चारों जुग परताप तुम्हारा ।

है परसिद्ध जगत उजियारा ।।

साधु संत के तुम रखवारे ।

असुर निकंदन राम दुलारे ।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।

अस बर दीन जानकी माता ।।

राम रसायन तुम्हरे पासा ।

सादर हो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरे भजन राम को पावै ।

जनम-जनम के दुख बिसरावै ।।

अंत काल रघुबर पुर जाई ।

जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ।।

और देवता चित्त न धरई ।

हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।

संकट कटै मिटै सब पीरा ।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।

कृपा करहु गुरु देव की नाईं ।।

यह शत बार पाठ कर जोई ।

छूटै बंदि महासुख होई ।।

जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा ।

होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।

कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ।।

~ दोहा ~

पवनतनय संकट हरन,

है परसिद्ध जगत उजियारा ।।

साधु संत के तुम रखवारे ।

असुर निकंदन राम दुलारे ।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।

अस बर दीन जानकी माता ।।

राम रसायन तुम्हरे पासा ।

सादर हो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरे भजन राम को पावै ।

जनम-जनम के दुख बिसरावै ।।

अंत काल रघुबर पुर जाई ।

जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ।।

और देवता चित्त न धरई ।

हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।

संकट कटै मिटै सब पीरा ।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।

कृपा करहु गुरु देव की नाईं ।।

यह शत बार पाठ कर जोई ।

छूटै बंदि महासुख होई ।।

जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा ।

होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।

कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ।।

~ दोहा ~

पवनतनय संकट हरन,

मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित,

हृदय बसहु सुर भूप ।।

🙏सियावर रामचंद्र की जय 



Tulsi Peethadhishwar Jagadguru Rambhadracharya Ji Maharaj has pointed out 4 mistakes in Hanuman Chalisa’s verses. He said that publishing these mistakes should be corrected immediately. Due to these mistakes people pronounce wrong words.

Jagadguru Rambhadracharya ji told which 4 inaccuracies in Hanuman Chalisa

Chapai 6 – Shankar Suvan Kesari Nandan. There is an error in this. It should be replaced by Shankar “Swayam” Kesari Nandan. Reason: Hanuman ji is not the son of Shankar ji, but he himself is his form.

27th Chapai – Ram Tapasvi Raja on all. There is an error in the word ascetic, the correct word is “Ramraj’s head fresh”.

32nd Chopai – ‘Ram Rasayan Tumhare Paasa, Sada Raho Raghupati Ke Daasa. The correct chopai is ‘Ram Rasayan Tumhare Paasa, “Sadar Ho” Raghupati Ke Daasa’

38th Chapai – ‘Who recites it hundred times’ is written. The correct word in this is, “Yeh” reciting it seven times.

Ramcharitmanas got the status of national book

Jagadguru Rambhadracharya ji said – Ramcharitmanas is a solution to all the problems. It is our effort that Ramcharitmanas should be given the status of a national book. The concept of united India will be proved soon. Pak Occupied Kashmir will also join India soon. The youth of the country are talented and empowered, who will once again make the country a Vishwaguru.

Ram Janmabhoomi belonged to Hindus and will remain for Hindus. Ramatva has spread all over the world and now there is nothing without Ram. Ramcharitmanas is such a book by which the meaning of all the books will be understood. Ramcharitmanas is settled in the people of India.

Knowing 22 languages, got Padma Vibhushan in 2015

Rambhadracharya ji is knowledgeable in 22 languages. Have composed 80 books and texts so far. They learn by listening and get their creations written by speaking. He is the founder of Tulsi Peeth established in the name of Saint Tulsidas located in Chitrakoot. In the year 2015, the Government of India honored him with the Padma Vibhushan. Not only this, Rambhadracharya himself testified in favor of Ramlala in the Supreme Court with reference to Ved Purana.

Some more statements of Rambhadracharya…

Modi will again become Prime Minister in 2024: Rambhadracharya ji had said- Modi government has made India the fifth economy. In 2024, Modi ji will again take oath as the Prime Minister and will make Ramcharitmanas a national scripture by bringing a bill in Parliament.

I will not come to Bhopal until Bhojpal is named: ​​ Jagadguru Rambhadracharya ji had narrated Ramkatha in Bhopal for about two months. During this, in front of CM Shivraj Singh Chouhan, he had talked about renaming Bhopal as Bhojpal. There a day ago, while narrating the story, he had said – I will not come to Bhopal till the name Bhojpal does not happen.

~ Pure Shri Hanuman Chalisa ~

Shree Guru Charan Saroj Raj

Improve your own Manu Mukuru.

I describe the pure glory of Raghubar

The one who gives fruit.

Mindless Tanu Janike,

Remember Pawan Kumar.

Strength, intelligence, knowledge, the body is attracted,

Harhu Kales Bikar.

quadruped

Hail lord Hanuman .

Jai Kapis Tihun Lok Ujagar.

Ram’s messenger, Atulit Bal Dhama.

Anjani’s son Pavansut Nama.

Mahabir Bikram Bajrangi.

The one who removes the evil thinking and grants companionship of the noble ..

Kanchan Baran Biraj Subesa.

Kanan Kundal Kunchit Kesa.

The thunderbolt and the flag are held in the hand.

Shoulders and shoulders are adorned.

Shankar himself Kesarinandan.

Tej Pratap Maha Jag Bandan.

Vidyavan Guni Ati Chatur.

Eager to do Ram’s work.

You Delight in Listening to the Glories of God .

Ram Lakhan Sita’s mind settled.

Ink showing off in a subtle form.

Lank Jarawa with a bad form.

Bhim form holds the demon.

Get Ramchandra’s work done.

Lai Sajeevan Lakhan Jiyaye

Soi Amit, get the fruits of your life.

Your splendour is across all four ages .

The famous world is bright.

You are the caretaker of saints and stoic .

Asura Nikandan Ram Dulare.

Donor of Ashta Siddhi Nine Funds.

As Bar Deen Janaki Mata.

Ram chemistry your dice.

Regards, servant of Raghupati.

Through devotion to you one obtains Sri Rama .

Forget the sorrows of birth after birth.

Ant kal Raghubar pur jai.

where birth is called Hari devotee.

And the god did not hold his mind.

Lord Hanuman made everyone happy.

Sankat katai mitai sab pira.

The one who remembers Hanumat Balbira.

Hail, hail, hail, Shri Hanuman, lord of senses .

please do like Guru God.

Joi recited this hundred times.

Released the prisoner, there was great happiness.

Whoever recites this Hanuman Chalisa.

Yes Siddhi Sakhi Gaurisa.

Tulsidas always Hari Chera.

Kijai Nath Hriday Maah Dera.

~ Doha ~

Pawantanay Sankat Haran,

The famous world is bright.

You are the caretaker of saints and stoic .

Asura Nikandan Ram Dulare.

Donor of Ashta Siddhi Nine Funds.

As Bar Deen Janaki Mata.

Ram chemistry your dice.

Regards, servant of Raghupati.

Through devotion to you one obtains Sri Rama .

Forget the sorrows of birth after birth.

Ant kal Raghubar pur jai.

where birth is called Hari devotee.

And the god did not hold his mind.

Lord Hanuman made everyone happy.

Sankat katai mitai sab pira.

The one who remembers Hanumat Balbira.

Hail, hail, hail, Shri Hanuman, lord of senses .

please do like Guru God.

Joi recited this hundred times.

Released the prisoner, there was great happiness.

Whoever recites this Hanuman Chalisa.

Yes Siddhi Sakhi Gaurisa.

Tulsidas always Hari Chera.

Kijai Nath Hriday Maah Dera.

~ Doha ~

Pawantanay Sankat Haran,

Mangal idol form.

Ram Lakhan with Sita,

Hriday Basahu Sur Bhup.

🙏 Hail Siyawar Ramchandra

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