हरियाली अमावस्या तक श्री बिहारी जी फूल बंगले में

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श्री हरिदास…
हरियाली अमावस्या तक श्री बिहारी जी महाराज अपने फूल बंगले में विराजमान होते है, फूल बंगले समाप्त होने पर ठाकुर जी फिर से गर्भ गृह में दर्शन देते है. बंगले में बैठे ठाकुर जी थोड़े और ज्यादा करीब आ जाते है भक्त के… पर पुनः गर्भ गृह में जाते है तो लगता है प्रभु फिर थोड़ा दूर हो गए है 🙁
उनके करीब आने की ललक तो हर प्रेमी को रहती है.
भगत की उदासी को प्रभु समझते है, छटपटाते भगत की तड़प को ठाकुर जी कुछ ऐसे मिटाते है
फूल बंगले में तब भी थोड़े दूर थे..
हरियाली तीज पर तो बिलकुल मंदिर से बाहर आ जाते है। और मानो अपने भक्त के दिल में समाने को तैय्यार ठाकुर अपने निकुंजों की हरियाली से भक्त के दिल की बगिया भी हरी भरी कर देते है।
और प्रभु अकेले नहीं आते अपनी अष्ट सखियों को किसी न किसी रूप में लेकर नित्य निकुंज बिहारी हरियाली तीज पर प्रगट हो जाते है…
प्यारए का ऐसा बैभव सोने चांदी का हिंडोला संग प्रभु के सुवर्णो के आभूषणों में सजी प्रिया प्रीतम पर तो करोङो कुबेर इन्द्रादि भी फीके पड़ जाये..
स्वामी श्री हरिदास जी महाराज राग मल्हार सुनाये ठाकुर ठकुरानी मुस्कुराये ऐसा अनुभव भी भक्तो को होता है.
श्री बिहारी जी अपने भक्त के भाव की डोरी से बांधकर झूला झूलते है तो कभी कभी भीड़ के धक्के में भगत भी पूरे मंदिर में झूल जाता है इसे असुविधा नहीं बिहारी जी की लीला समझना क्यूंकि हमारा ठाकुर आज भी मंदिर में अपने भक्तों के साथ खेलता है
कोई कुछ कह भी दे तो बुरा नहीं मानना कियुँकि बिहारी जी देखते है मेरा भगत मेरे लिए कितना सहन कर सकता है..
बुराइयों को देखोगे तो बुराइया ही ले जाओगे और अनेकों परेशानियों को दर किनारे कर बिहारी जी को निहारोगे तो बिहारी जी का अनन्य प्रेम ले जाओगे.
आइये इस 31 जुलाई 2022 रविबार को ठाकुर जी को झूला झुलाने हिंडोला उत्सव पर अपने प्रभु बांके बिहारी जी के महलन में…
दर्शन समय

कुंजबिहारी श्री हरिदास🙏



Mr. Haridas… Till Hariyali Amavasya, Shri Bihari ji Maharaj sits in his flower bungalow, when the flower bungalow is over, Thakur ji again gives darshan in the sanctum sanctorum. Thakur ji sitting in the bungalow comes a little closer to the devotee, but when he goes back to the sanctum sanctorum, then it seems that the Lord has gone a little further 🙁 Every lover has the urge to come close to him. God understands the sadness of Bhagat, Thakur ji removes the agonizing Bhagat’s agony in some way. Flowers were still a little far away in the bungalow. On Hariyali Teej, they completely come out of the temple. And as if ready to enter the heart of his devotee, Thakur also fills the garden of the devotee’s heart with the greenery of his knees. And God does not come alone, taking his eight sakhis in one form or the other, Nikunj Bihari appears on Hariyali Teej every day. Such a splendor of love, with a carousel of gold and silver, on Priya Pritam, adorned in the gold ornaments of the Lord, may even Kuber’s Indra fade away.. Swami Shri Haridas Ji Maharaj narrates Raag Malhar, Thakur Thakurani smiles, such an experience is also experienced by the devotees. Shri Bihari ji swings by tying the strings of his devotee’s spirit, and sometimes the Bhagat swings in the whole temple in the face of the crowd, it is not an inconvenience to consider Bihari ji’s Leela because our Thakur still plays with his devotees in the temple. Even if someone says something, don’t feel bad because Bihari ji sees how much my Bhagat can bear for me.. If you see the evils, then you will take away the evils and if you look at Bihari ji by putting many troubles aside, then you will take away the exclusive love of Bihari ji. Come on this 31st July 2022 Sunday, in the palace of our lord Banke Bihari ji on the carousel festival to swing Thakur ji. visit time

Kunjbihari Shri Haridas

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One Response

  1. It’s hard to find educated people on this topic, but you seem like you know what you’re talking about! Thanks

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