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श्रावण माह/ शिव साधना
श्रावण का पवित्र महीना शुरू हो गया है और हमारी सनातन संस्कृति में श्रावण माह का विशेष महत्व है। यह
श्रावण का पवित्र महीना शुरू हो गया है और हमारी सनातन संस्कृति में श्रावण माह का विशेष महत्व है। यह
सखी झूला झूले बाँके बिहारी ,बाँके बिहारी मेरो रमन बिहारी… चहूँ दिश साबन मास है छाया ,झूलन उत्सब का रंग
|| सावन सोमवार विशेष में || कौन किस लिंग की पूजा करता है (1)इन्द्रदेव पद्मरागमणि(2) कुबेरदेव सुवर्णमय(3) धर्मदेव पुखराज(4) वरुणदेव
एक बार की बात है कि, सावन के इसी पुनीत महीने में प्रिया राधा जी, प्रिय श्यामसुन्दर से रूठ जाती
सखी! दोउ, झूलत मृदु मुसकात।ज्योँ सखि! गगन मगन मन घनगन, घनन – घनन घननात।त्योँ सखि! इत घनश्याम मगन मन, झूलत
माता पार्वती शिवजी की केवल अर्धांगिनी ही नहीं शिष्या भी बनीं। शिवजी से अनेक विषयों पर चर्चा करतीं।एक दिन पार्वतीजी
सतावे सावन की फुहार।रिमझिम-रिमझिम मेघ बरस रहे, राधा करें विचार। नीम के पेड़ पर झूला पड़ गया, झूल रही हैं
सावन के गीत सावन की घटा निरखि निरखिमन बन जाए वन की मोरनीयां।झूम झूम कर नाचुं आज सखीछम छम बाजे
सोनी सुघर बुलाय नगर के,रतन अमोल जडावों…ll गहरे रंग चुनरी सारी,छिपन पे जु रंगावों…l कन्या गोप जिति मों साथिन,सादर सब
उत्तर भारत की विवाहित महिलाएं सावन महीने में मनाती हैं। खासकर बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा में