एक संत थे वे राम कथा लिखते थे दिन भर में जो लिखते थे शाम को भक्त लोग इकट्ठा होते थे उन्हें वह कथा सुना दिया करते थे हनुमान जी भी कथा सुनने के लिए सूक्ष्म रूप में जाया करते थे
अशोक वाटिका का प्रसंग आया तो संत ने सुनाया कि जिस समय हनुमान जी ने अशोक वाटिका में प्रवेश किया उस समय वहां सफेद रंग के फूल लगे थे हनुमान जी ने तो अशोक वाटिका में लाल रंग के फूल देखे थे उन्होंने सोचा कि मेरा प्रसंग ही गलत हो जाएगा इसलिए वे बूढ़े ब्राह्मण का वेश रखकर भक्तों के बीच गए और बोले बाबा मेरी जानकारी में तो लाल रंग के फूल लगे थे बाबा ने कहा बैठ जाओ वहां उस समय सफेद रंग के फूल थे उन्होंने संत को बहुत समझाया परंतु वे नहीं माने अब तो हनुमान जी व्याकुल हो गये।
श्री हनुमान जी ने अपना असली रूप लिया और बोले मैं ही हनुमान हूं और मैं ही अशोक वाटिका गया था वहां सभी फूल लाल रंग के थे बाबा ने उनकी बात अनसुनी करते हुए बोले बैठ जाओ जब मैंने सफेद लिखा है तो सफेद ही होंगे हनुमान जी ने सोचा मेरे प्रसंग में ही गलती हो जाएगी और ये बाबा मान नहीं रहे हैं तो वह बोले भगवान के पास चलो वही फैसला करेंगे
हनुमान जी संत को लेकर श्री विष्णु भगवान के पास गए भगवान ने आने का कारण पूछा तो हनुमान जी ने बताया कि यह बाबा मान नहीं रहे हैं कह रहे हैं अशोक वाटिका में सफेद रंग के फूल लगे थे जबकि मैंने वहां लाल रंग के फूल देखे थे।
भगवान ने कहा कि मुझे तो मालूम नहीं मैं तो वहां गया नहीं था हनुमान जी ने कहा आप ही इसका फैसला करें भगवान बोले मैं लक्ष्मी जी से पूछ लेता हूं। भगवान लक्ष्मी जी से पूछने गए और वापस आकर बोले फूल तो सफेद रंग के ही थे हनुमान जी आश्चर्य में पड़ गए कि मैं तो वहां स्वयं गया था और अपनी आंखों से देखा था भगवान बोले तुम तो एक दिन के लिए गए थे जबकि लक्ष्मी जी वहां साल भर रही थी
हनुमान जी ने भगवान से विनती की कि यह कैसे हो सकता है भगवान ने समझाया कि हनुमान तुम बहुत गुस्से में थे तुम्हारी आंखों में खून सवार था इसलिए तुम्हें हर चीज लाल ही दिखाई देती थी।
There was a saint, he used to write the story of Ram, who used to write throughout the day, devotees gathered in the evening and used to tell that story to them. Hanuman ji also used to go in subtle form to listen to the story.
When the incident of Ashoka Vatika came, the saint narrated that at the time when Hanuman ji entered the Ashoka Vatika, there were white flowers there. That’s why he went among the devotees disguised as an old Brahmin and said Baba, in my knowledge, there were red flowers, Baba said, sit there, there were white flowers at that time, he explained a lot to the saint, but he did not listen, now Hanuman Ji got upset.
Shri Hanuman ji took his real form and said, I am Hanuman and I went to Ashok Vatika, there all the flowers were red in color. Thought there would be a mistake in my context and if this baba is not agreeing, then he said, come to God, he will decide.
Lord Hanuman went to Lord Vishnu with the saint and asked the reason for coming, then Hanuman ji told that this Baba is not agreeing, saying that Ashok Vatika had white flowers while I saw red flowers there. .
God said that I do not know that I did not go there, Hanuman ji said that you decide it yourself, God said, I ask Lakshmi ji. Lord went to ask Lakshmi ji and came back and said that the flowers were only white in color. year round
Hanuman ji pleaded with God that how could this happen, God explained that Hanuman, you were very angry, you had blood in your eyes, so you used to see everything red.