पहली बार होगा भगवान राम का सूर्य तिलक
जय श्रीराम। शुभ दीपावली।बहुत बहुत वधाई।
(दीपावली पर विशेष)

peacock feathers plumage peacock

पहली बार होगा भगवान राम का सूर्य तिलक
जय श्रीराम। शुभ दीपावली।बहुत बहुत वधाई।
(दीपावली पर विशेष)

–  ये दीपावली इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद श्रीरामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने वाले हैं । 22 जनवरी 2024 वो तारीख है जब भगवान श्री रामलला, राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे और उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी ।

-लेकिन एक और तारीख की भी बहुत ज्यादा चर्चा है ये तारीख है 30 मार्च 2024, इस तारीख को रामनवमी है और बड़ी बात ये है कि इस दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणों से भगवान श्रीराम का सूर्य तिलक होगा । यानी सूर्य की किरणें सीधे गर्भगृह में जाएंगी और 5 मिनट तक उनके माथे पर, ललाट पर टकराएंगी ।

-इसके लिए श्रीराम मंदिर के द्वार पर एक दर्पण लगाया जाएगा । इस दर्पण पर सूर्य की किरणें पड़ेंगे और यहां से सूर्य की किरणें परावर्तित होकर मंदिर के नृत्यमंडप से होते हुए सीधे गर्भगृह में जाएंगी जहां पर भगवान श्रीराम के ललाट पर सूर्यतिलक होगा

-वैसे ये प्राचीन विद्या प्राचीन मंदिरों में नजर आती है इससे ये भी पता चलता है कि हमारे देश का प्राचीन ज्ञान विज्ञान कितना महान था । लेकिन अब श्रीराम मंदिर के माध्यम से पूरी दुनिया को भारत के इस प्राचीन ज्ञान का पता चलेगा !

-सूर्य तिलक का परीक्षण करने के लिए और इसकी व्यवस्था के लिए कई वैज्ञानिकों ने अयोध्या में प्रवास भी किया है । ये परीक्षण सफल हो गया है । प्रधानमंत्री मोदी जी भी इस पल की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब सूर्य तिलक होगा तो दृश्य कैसा अद्भुत होगा !

सूर्य तिलक की तकनीक को जमीन पर उतारना इसलिए मुश्किल था क्योंकि धरती पर दो तरह से मूवमेंट होता है, एक तो धरती अपने अक्ष पर भी घूमती है और दूसरी बात ये कि धरती अपने अक्ष पर घूमते हुए भी सूर्य की परिक्रमा करती है । ऐसे में सूर्य की किरणों के मूवमेंट को समझने के लिए सूर्य की एक एक डिग्री को नोट करना होगा ।

-एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि हर साल में सिर्फ एक बार फिर ही सूर्य तिलक होगा और वो भी राम नवमी के दिन । 20 साल तक ये प्रक्रिया आराम से चलेगी लेकिन 20 साल के बाद परिक्रमा पथ की स्थिति को देखते हुए वैज्ञानिक मंदिर में लगे दर्पण को संतुलित करेंगे ताकी किरणें सीधे भगवान के ललाट पर ही जाकर गिरें ।



Lord Ram’s Surya Tilak will be done for the first time Jai Shri Ram. Happy Diwali. Many congratulations. (Special on Diwali)

– This Diwali is important because after this Shri Ram Lalla is going to be seated in his grand temple. 22 January 2024 is the date when Lord Shri Ramlala will be seated in the sanctum sanctorum of Ram temple and his life will be consecrated.

-But there is a lot of discussion about another date, this date is 30 March 2024, on this date it is Ram Navami and the big thing is that on this day at 12 noon, Lord Shri Ram will be covered with Surya Tilak by the sun’s rays. That means the sun’s rays will go straight into the sanctum sanctorum and will hit their forehead for 5 minutes.

-For this, a mirror will be installed at the entrance of Shri Ram temple. The sun’s rays will fall on this mirror and from here the sun’s rays will be reflected and will go directly to the sanctum sanctorum through the dance hall of the temple where Lord Shri Ram will have Surya Tilak on his forehead.

-By the way, this ancient knowledge is visible in ancient temples, this also shows how great was the ancient knowledge and science of our country. But now through Shri Ram Temple the whole world will know about this ancient knowledge of India.

-Many scientists have also migrated to Ayodhya to test Surya Tilak and for its arrangements. This test has been successful. Prime Minister Modi ji is also waiting for this moment, how wonderful the scene will be when the Sun becomes Tilak!

It was difficult to implement the technique of Surya Tilak on the ground because there are two types of movement on the earth, one is that the earth also rotates on its axis and secondly, the earth rotates on its axis and also revolves around the sun. In such a situation, to understand the movement of the sun’s rays, each degree of the sun will have to be noted.

-One important thing is that Surya Tilak will be done only once every year and that too on the day of Ram Navami. This process will continue smoothly for 20 years but after 20 years, keeping in view the condition of the parikrama path, the scientists will balance the mirror installed in the temple so that the rays fall directly on the forehead of the Lord.

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