देवों के वो देव है भोले जिनका नाम है,
भक्तो का वो कष्ट है हरते महिमा उनकी महान है,
देवों के देव भोले…..
आता है जो भी भोले के दर कोई ना लौटा खाली है,
ओगड़दानी नाम है उसका महिमा उनकी निराली है,
हस कर विश का पी गये प्याला भोले शंकर है सब से निराला,
देवों के देव भोले…….
बस हा बैल है उनकी सवारी,
सर्प गले की माला है ,
बेठा है पर्वत धुनी रमाये,
वो जग का रखवाला है,
सिर पे जिहने गंग विराजे हाथ तिरशूल और डमरू साजे,
देवों के देव भोले………..
He is the god of the gods whose name is naive,
The suffering of the devotees is their great glory.
God of gods is naive…..
Whoever comes, at the rate of the innocent, no one returns empty,
His name is Ogadani, his glory is his unique,
Bhole Shankar is the most unique of all,
God of gods is naive…….
It’s just a bull, his ride,
snake neck garland
Sitting on the mountain, Dhuni Ramay,
He is the keeper of the world,
Wearing a tirshul and a damru on the head of the Ganges,
God of Gods Bhole………..