बुद्ध ब्राह्मण मुक्त है
जो चंद्रमा की तरह विमल, शुद्ध, स्वच्छ और निर्मल है तथा जिसकी सभी जन्मों की तृष्णा नष्ट हो गई, वही
जो चंद्रमा की तरह विमल, शुद्ध, स्वच्छ और निर्मल है तथा जिसकी सभी जन्मों की तृष्णा नष्ट हो गई, वही
संकल्प महान लक्ष्य की प्राप्ति कराते हैं। संकल्प में बड़ी शक्ति होती है। संकल्प के बल पर ही वानरों द्वारा
एक बुद्ध प्रतिमा में विभिन्न आसनों के साथ संयुक्त कई सामान्य मुद्राएं हो सकती हैं। मुद्रा संचार और आत्म-अभिव्यक्ति का
भगवान बुद्ध अक्सर अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। एक दिन प्रातः काल बहुत से भिक्षुक उनका प्रवचन
इस ग्रंथ में कुल 227 भिक्खु-भिक्खुनी विनयों का उल्लेख है। ‘विनय’ अर्थात आचार संहिता या नियमावली जिनसे भिक्खु संघ, भिक्खुनी
निर्वाण · त्रिरत्न · पँचशील अहम व्यक्ति गौतम बुद्ध · बोधिसत्व क्षेत्रानुसार बौद्ध धर्म दक्षिण-पूर्वी बौद्ध धर्म · चीनी