मैं न होता, तो क्या होता?
सुंदरकांड में एक प्रसंग। “अशोक वाटिका” में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के
सुंदरकांड में एक प्रसंग। “अशोक वाटिका” में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के
एक मंत्र में पूरी रामायण का सार भगवान राम की आराधना करने के लिए रामायण में एक मंत्र बहुत ही
वस्तुतः कुछ लोगो की धारणा रहती है हम तो सदैव भगवान को अपनी पर्स मे या झोली मे रखते है
एक बार व्यक्ति अपनी समस्या लेकर पास के ही एक संत के पास जाता है, और संत से कहते है,
त्रेतायुग की प्रतिज्ञा भगवान ने द्वापरयुग में पूरी की! सेतु-बंधन के लिए वानरदल द्वारा पर्वत-खण्डों का लाना। हनुमानजी, सेतु-बंधन और
एक दिन राधिका रानी गहवरवन में खेल रहीं थीं और श्रीकृष्ण उनको ढूंढ़ते-ढूंढ़ते नन्दगांव से चले । जब यहां पहुंचते
श्रीहरिःघडी रात गये कुछ ग्रामीण माताएँ आयी और दो भोग-थाल निवेदन करती हुई बोली – आज़ हमारे यहाँ भगवान की
गणेश जी की कथा को सुनना अत्यंत ही शुभ होता है।एक बार गणेश जी महाराज एक सेठ जी के खेत
वृंदावन।क्या कभी ऐसा भी हो सकता है, जहां भगवान भक्तों की भक्ति से अभिभूत होकर या उनकी व्यथा से द्रवित
।श्रीहरिः। प्रयागदत्त बहिन-जीजा जी से मिलने बड़ी प्रसन्नता और उत्सुक्ता मे चले । मन मे यही होता कि कैसे शीघ्र