राम भक्त हनुमान
जय जय जय बजरंगबली भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी के बारे में हम सब ने कई कथाएं
जय जय जय बजरंगबली भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी के बारे में हम सब ने कई कथाएं
भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्ति का तात्पर्य है- स्वयं के अंतस को ईश्वर के साथ जोड़ देना। ईश्वर
भक्ति, अपने इष्ट के प्रति ऐसा समर्पण भाव है, जो हमारे मन में यह विश्वास जगाता है कि उसकी शरण
रामनवमी के नौ राम, परमात्मा से राजा, पुत्र से पिता और पति तक भगवान राम के नौ रुप जो सिखाते
लक्ष्मण मुरछीत एक ही घटना से क्या हुआब्रह्म अस्त्र का सही उपयोग भगवान राम करते हैं लक्ष्मण को भगवान राम
इस युग में नाम-जप ही प्रधान साधन है-मन न लगे तो नाम-भगवान् से प्रार्थना करनी चाहिये-‘हे नाम-भगवन्! तुम दया करो,
भक्ति करते हुए ज्ञान वैराग्य प्रवेश कर जाता है सामान्य लोगों को समझाने के लिए एैसा कहा गया है!के भक्ति
हम भगवान राम, कृष्ण, हरि, शिव, को कथाओं में ढुंढते है।भजन गाते हैं। रामचरितमानस, भगवद्गीता, भागवत महापुराण को पढते है। मन्दिर
मीरा जब वृंदावन पहुंची तो वृंदावन में जो कृष्ण का सबसे प्रमुख मंदिर था, उसका जो पुजारी था, उसने तीस
राम नाम की महिमा अनंत और अपार है। भगवान राम से भी बड़ा है उनका नाम। भगवान स्वयं भी राम