ईश्वर की अनंत सत्ता
ईश्वर की अनंत सत्ता एक दिन वृंदावन के कुंजों में श्रीकृष्ण गोपियों और ग्वालबालों के साथ विचरण कर रहे थे।चारों
ईश्वर की अनंत सत्ता एक दिन वृंदावन के कुंजों में श्रीकृष्ण गोपियों और ग्वालबालों के साथ विचरण कर रहे थे।चारों

प्रभु से बात दिल की गहराई से की जाती है। आंखें आंसू तभी बहाती है। जब परमात्मा से सम्बंध बन

दिल के भावसच्चे भक्त के दिल की एक ही पुकार होती है कि किस प्रकार मेरे स्वामी भगवान् नाथ का

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे 🙏 उत्तम भक्त वही होता है जो अपनी प्रशंसा को प्रभु चरणों
बुद्ध घर वापिस लौटे बारह वर्ष के बाद।तो बुद्ध ने आनंद से कहा, महल मुझे जाना होगा। यशोधरा बारह वर्ष

जीवन का आधार ही राम नाम है। संसार चल ही राम नाम से रहा है,राम नाम की महिमा अपरम्पार है।

परमात्मा को दिल में बिठा ले। हे प्रभु हे स्वामी हे भगवान् नाथ आज ये दिल तुमसे मिलने के लिए

वृन्दावन से लौटते समय उद्धव का हृदय भारी था।उन्होंने गोपियों को देखा थाकभी यमुना तट पर रोते हुए,कभी श्याम की

प्रभु वही पधारते है जहां शुद्ध प्रेम की धारा सदा बहेती हो…… ‘प्रीतम प्रीत ही ते पैये….. पुष्टि मार्ग मे

मैंने सुना है, अकबर ने तानसेन को एक बार कहा कि तुम्हारा संगीत अपूर्व है। मैं सोच भी नहीं सकता