भक्त को अपने अन्दर अवगुण दिखते
हे परम पिता परमात्मा मुझे अपने अन्दर बहुत खोट दिखाई दे रहे हैं। मै अपने मन को शांत नहीं रख
हे परम पिता परमात्मा मुझे अपने अन्दर बहुत खोट दिखाई दे रहे हैं। मै अपने मन को शांत नहीं रख
जो भक्ति करता है उसके पास कुछ भी सोचने के लिए समय नहीं है। भक्ती का नाम न्योछावर है। भक्त
हमे देखना यह है कि हम भगवान का ध्यान और सिमरण संसारिक सुख के लिए करते हैं या भगवान को
कोई भजन गाकर भक्ति करता है ! कोई प्रभु का नाम लिखकर भक्ति करता है ! कोई सुमरन करके प्रभु
मैया ओ मैया !!!! उद्धव ने पालने के पास बेठी माँ यशोदा को पुकारा तो मैया के हाथ में लगा
प्रभु मुझ से पूछो मैं क्या चाहता हूँ, मैं तुझ से तुझे माँगना चाहता हूँ । मुझे खाना पीना पहनना
मै मदहोश हो गई हूं मुझे अब खबर नहीं रहीं हैं। कहां हो तुम दिखाई नहीं देते आओ प्रिय आओ
भक्त भगवान को दिल में बिठाकर एक एक पल भगवान का चिंतन करता है। बाबा हनुमान जी को राम राम