सुविचार 62
सुनो गुरु जी सारा खालीपन एक तेरी मौजूदगी से भर जाती हैं सच है तेरे से प्रेम करने में मेरी
सुनो गुरु जी सारा खालीपन एक तेरी मौजूदगी से भर जाती हैं सच है तेरे से प्रेम करने में मेरी
आज का प्रभु संकीर्तन।पढ़िएफूल को देख कर खुशी मिले तो समझना सतोगुण काम कर रहा है, फूल को छू कर
स्वस्थ मन और स्वस्थ तन, जगत का है सबसे श्रेष्ठ धन। जितनी इर्षा, जितना गुस्सा, जितनी नेगेटिविटी दिमाग़ में होगी
जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे,कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा । कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो,कहीं आत्मीयता का अभाव
हरि नाम जप ले भाई, क्यों व्यर्थ समय गवाते हो,,,जीवन का हर पल अंतिम है, फ़िर क्यों नही अपनी जिव्हा
आज का दिव्य संदेश।सदैव स्मरण रखें आप जीवन में सब कुछ पा सकते हैं किंतु जीवन कभी नहीं मिल सकता
हरे कृष्णा जिसके वाणी गदगद हो जाती है, जिसका चित्त द्रवित हो जाता है, जो बार-बार रोने लगता है, कभी
घर में भई खटपट चल पड़े बाबा जी के मठ पर माता पिता पत्नी भाई से झगड़ा हुआ कि बस
एक सेठ ने सत्संग में एक बार सुना की जिसने जैसे कर्म किये है उसे अपने कर्म भोगने पड़ेंगे यह
संसार के बदलनेकी प्रतीक्षा न करें।अन्यथा प्रतीक्षा ही करते रह जाएंगे।अंधकार में ही जियेंगे औरअंधकार में ही विलीन हो जाएंगे।संसार