गोपी का विरह कृष्ण मिलन
एक गोपी को श्रीकृष्ण का बहुत विरह हो रहा था। सारी रात विरह में करवटे बदलते ही बीती। सुबह ब्रह्म
एक गोपी को श्रीकृष्ण का बहुत विरह हो रहा था। सारी रात विरह में करवटे बदलते ही बीती। सुबह ब्रह्म
खरमास को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है. भगवान सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड
पुराने समय में एक राजा था। राजा के पास सभी सुख-सुविधाएं और असंख्य सेवक-सेविकाएं हर समय उनकी सेवा उपलब्ध रहते
श्रीराम। एक अद्भुत कथा एक बार की बात है। बहुत दूर से ब्राह्मण संत एकनाथ महाराज का घर ढूँढ़ता हुआ
यदि भाव का आनंद लेना है तो पहले अपनी बुद्धि का पात्र खाली कर लें। ताकि आप केवल वहीं पाए
अष्टावक्र इतने प्रकाण्ड विद्वान थे कि माँ के गर्भ से ही अपने पिताजी “कहोड़” को अशुद्ध वेद पाठ करने के
गौ सेवा का फल आज से लगभग 8 हजार वर्ष पूर्व त्रेता युग में अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट महाराज दिलीप
!!! १६ वर्षीय संत ज्ञानेश्वर के १४०० वर्षीय शिष्य चांगदेव महाराज की कहानी !!! यह कहानी महाराष्ट्र के महान संत
एक बार यमराज ने अपने यमदूतों से प्रश्न किया, “क्या कभी प्राणियों के प्राण लेते समय तुम्हें किसी पर दया
किसी गाँव में एक भाट व एक जाट रहता था, दोनों में घनिष्ठ मित्रता थी. एक बार जाट अपनी बहन