
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं ।।
(दरिद्रता नाशक स्तोत्र)
एक समय इंद्रदेव से किसी बात पर रूष्ट होकर देव गुरू ‘बृहस्पति’ स्वर्गलोक त्याग कर चले गए ! असुरों ने
एक समय इंद्रदेव से किसी बात पर रूष्ट होकर देव गुरू ‘बृहस्पति’ स्वर्गलोक त्याग कर चले गए ! असुरों ने
राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र भगवान शिव द्वारा रचित और देवी पार्वती से बोली जाने वाली राधा कृपा कथा श्रीमती राधा
हर समय कण्ठी माला लेकर बैठे रहते हो ।कभी कुछ दो पैसे का इंतजाम करो लड़की के लिए लड़का नहीं
रक्ष रक्ष महादेवि दुर्गे दुर्गतिनाशिनि।मां भक्त मनुरक्तं च शत्रुग्रस्तं कृपामयि।। विष्णुमाये महाभागे नारायणि सनातनि।ब्रह्मस्वरूपे परमे नित्यानन्दस्वरूपिणी।। त्वं च ब्रह्मादिदेवानामम्बिके जगदम्बिके।त्वं
दीनदयाल नाम का एक व्यक्ति था जिसके रूई के बहुत बड़े-बड़े कारखाने थे और उसकी रूई इतनी कोमल होती थी
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि- मैं ‘आकाश’ में ‘शब्द’ हूँ ! रसोऽहमप्सु कौन्तेय प्रभास्मि शशिसूर्ययोः।प्रणवः सर्ववेदेषु शब्दः स्वे पौरुषं नृषु।।
जय श्री राम ! शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदंब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् |रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिंवन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम् | सीता माता
संतों ने जगज्जननी माता सीता के तीन स्वरूप बताए हैं-१. सत्वमय,२. राजसी और३. तामसी। सीताजी का शुद्ध सत्वमय स्वरूप श्रीराम
👉महाराज दशरथ का जन्म बहुत ही एक अद्भुत घटना है पौराणिक धर्म ग्रंथों के आधार पर बताया जाता है कि👉
।श्री राम। १-शुद्ध सच्चिदानन्दघन एक परमात्मा ही सर्वत्र व्याप्त है और अखिल विश्व एवं विश्व की घटनाएँ उसी का स्वरूप