
प्रभु को अपने घर बुलाने की गाँठ
सब भगवान से चाहते है, पर भगवान को कोई नहीं चाहता !हम ईश्वर से हमेशा कुछ न कुछ माँगते ही

सब भगवान से चाहते है, पर भगवान को कोई नहीं चाहता !हम ईश्वर से हमेशा कुछ न कुछ माँगते ही

एक व्यक्ति गाड़ी से उतरा… और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट में घुसा, जहाज़ उड़ने के लिए तैयार था, उसे किसी

मोत के भय ने पहुंचाया , काल के कगार ,मिला अमरत्व फिर भी , पहुंचे मृत्यु के द्वार !रखते जो

,, तू वही है जिसे सदियों से ढूँढ़ते हैं हम ,,!! तू वही है जिसे याद कर जीते हैं हम

इस शरीर को पालते हुए भी अ प्राणी तु भगवान का बन जब तु चलता है तब अन्तर्मन मे धारण

परमात्मा का क्षण भर का साक्षात्कार दिल में हलचल मचा देता है। आन्नद की सीमा बढ जाती है। भगवान् की

परमात्मा को साथ रखते हुए यदि हम किसी से प्रेम करते हैं तो प्रेमी में परमात्मा की खोज करते हैं।

प्रभु प्राण नाथ से प्रेम मांगे हम हे प्रभु प्राण नाथ तु मुझे कितने ही कष्ट देना फिर भी ये

जय जनक नंदिनी जगत वंदिनी जग आनंद श्री जानकी रघुवीर नयन चकोर चन्दिनी श्री वल्लभा प्रिय प्राण की तब कंज

एक साधु द्वार-द्वार घूमकर भिक्षा मांग रहा था, वृद्ध साधु को आंखों से दिखाई नहीं देता था, वह एक मन्दिरके