
स्वयं पालन करनेवाला ही उपदेश देनेका अधिकारी है।
एक ब्राह्मणने अपने आठ वर्षके पुत्रको एक महात्मा के पास ले जाकर उनसे कहा-‘महाराजजी ! यह लड़का रोज चार पैसेका

एक ब्राह्मणने अपने आठ वर्षके पुत्रको एक महात्मा के पास ले जाकर उनसे कहा-‘महाराजजी ! यह लड़का रोज चार पैसेका

कुन्तीसहित पाँचों पाण्डवोंको जलाकर मार डालने के उद्देश्यसे दुर्योधनने वारणावत नामक स्थानमें एक चपड़ेका महल बनवाया और अंधे राजा धृतराष्ट्रको

कुरुक्षेत्रके मैदानमें कौरव पाण्डव दोनों दल युद्धके लिये एकत्र हो गये थे। सेनाओंने व्यूह बना लिये थे वीरोंके धनुष चढ़

मनोविज्ञानका नियम प्रख्यात मनोवैज्ञानिक सिगमण्ड फ्रॉयड छुट्टीके दिन अपने परिवारके साथ एक पार्कमें घूमने गये। काफी देर टहलते रहे। लौटते

राष्ट्रधर्म-सम्बन्धी प्रेरक-प्रसंग [1] शंकराचार्यजीका राष्ट्रप्रेम सन् 1925 ई0 में ब्रिटेनके युवराज प्रिन्स ऑफ वेल्स भारत आये। ब्रिटिश सरकार चाहती थी

बूढ़े आदमीका वरदान पुराने समयकी बात है। एक बार तीन भाई कामकी खोज में भटकते-भटकते यूनान देशमें पहुँचे। वे लम्बे

राज्यका मूल्य ? चन्देलवंशके राजा शिवलिंगम् अत्यन्त ही न्यायपालक और उदारमना थे। वे अपनी प्रजाको अपनी सन्तानकी तरह प्यार करते

पोप पाइस नवमको एक दिन विचित्र पत्र मिला जिसमें स्याहीके अनेक धब्बे थे। बहुत-सी भूलें थीं। कागज अत्यन्त मैला था।

पहले समयकी बात है। किसी देशके एक छोटे से गाँव में एक व्यक्ति रहता था। उसके पास एक गधा था।

पिता वेदव्यासजीकी आज्ञासे श्रीशुकदेवजी आत्मज्ञान प्राप्त करनेके लिये विदेहराज जनककी मिथिला नगरीमें पहुँचे। वहाँ खूब सजे-सजाये हाथी, घोड़े, रथ और