
नित्य-नियमका कठोर आचरण
बाशीं नगरमें जोगा परमानन्द नामक प्रसिद्ध हरिभक्त नित्य पूजाके बाद गीताका एक-एक श्लोक कहकर पंढरिको 700 बार साष्टाङ्ग नमस्कार करता
बाशीं नगरमें जोगा परमानन्द नामक प्रसिद्ध हरिभक्त नित्य पूजाके बाद गीताका एक-एक श्लोक कहकर पंढरिको 700 बार साष्टाङ्ग नमस्कार करता
जनकपुरमें एक विधवा ब्राह्मणी रहती थी। उसके एक छोटा लड़का था। एक बार वह कुछ लोगोंके साथ चित्रकूट जा रही
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज स्वर्गीय श्रीगुरुदास बनर्जी अपने आचार-विचार, खान-पानमें बड़े कट्टर थे। ‘माडर्न रिव्यू’ के पुराने एक अङ्कमें श्रीअमल
एक भिक्षुक अचानक राजा हो गया था। उस देशके संतानहीन नरेशने घोषणा की थी कि उनकी मृत्युके पश्चात् जो पहिला
इन श्रीकल्याणजीका पहला नाम था – अम्बादास । छोटी उम्रमें ही इनका गुरु श्रीसंत रामदासजीसे सम्बन्ध हो गया था। गुरुजीने
एक राजा जंगलके रास्ते कहीं जा रहा था। उसने देखा एक खेतमें एक जवान आदमी हल जोत रहा है। और
लोग उन्हें काछी बाबा कहते थे। वे जातिके काछी थे और साधु होनेसे नहीं, वृद्ध होनेसे उस प्रदेशकी प्रथाके अनुसार
सफलताका राज – सच्ची लगन संसारके सबसे महान् वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीनकी सफलतासे प्रभावित होकर कई युवा उनके पास आते थे
इजरायलके इतिहासमें बादशाह सुलेमानका नाम अमर है। वह बड़ा न्यायी और उदार था। उसके राज्यमें प्रजा बहुत सुखी थी। एक
संसारमें जब पापका प्राबल्य हो जाता है-अनेक बार हो जाता है; किंतु अनेक बार ऐसा होता है कि पाप पुण्यके