
पीपल का वृक्ष
लुकमान के जीवन मे उल्लेख है कि एक आदमी को उसने भारत भेजा आयुर्वेद की शिक्षा के लिए और उससे
लुकमान के जीवन मे उल्लेख है कि एक आदमी को उसने भारत भेजा आयुर्वेद की शिक्षा के लिए और उससे
एक पहुंचे हुए महात्मा थे। एक दिन महात्मा जी ने सोचा कि उनके बाद भी धर्मसभा चलती रहे इसलिए क्यों
कुबेर का घर एक साधु, विचित्र स्वभाव का था। वह बोलता कम था। उसके बोलने का ढंग भी अजीब था।
परमात्मा या मुक्ति की प्राप्ति के लिये जितने साधन बतलाये गये हैं, उनको आदर देना ही साध्य को आदर देना
अपना उद्धार होगा, कल्याण होगा, परमात्माकी प्राप्ति होगी, जीवन्मुक्ति होगी – यह सब वास्तवमें कृपासे होगा। यह एकदम सच्ची बात
जय श्री कृष्ण एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब विधवा महिला रहती थी। उसका
एक शिष्य था समर्थ गुरु रामदास जी का जो भिक्षा लेने के लिए गांव में गया और घर-घर भिक्षा
करमानंद अपने गायन से प्रभु की सेवा किया करते थे। इनका गायन इतना भावपूर्ण होता था कि पत्थर-हृदय भी पिघल
मेरी सासु मां आजकल चित्रकूट की यात्रा पर गई हुई हैं। अब जब वे घर पर नहीं हैं तो आने-जाने
एक धनवान पंडित जी थे जो भगवान बुद्ध से किसी बात को लेकर बड़े नाराज थे। उन्होंने अपनी पत्नी से