
रास्तेकी तलाश
रास्तेकी तलाश एक राजा राजकाजसे मुक्ति चाहते थे। एक दिन उन्होंने राजसिंहासन अपने उत्तराधिकारीको सौंपा और राजमहल छोड़कर चल पड़े।
रास्तेकी तलाश एक राजा राजकाजसे मुक्ति चाहते थे। एक दिन उन्होंने राजसिंहासन अपने उत्तराधिकारीको सौंपा और राजमहल छोड़कर चल पड़े।
इंगलैंडको प्रसिद्ध संस्था ‘रॉयल एकडेमी की चित्र सजानेवाली समितिको बैठक हो रही थी। एकडेमी हालमें सुसज्जित करनेके लिये देश-विदेशके चित्रकारोंने
तीसरी कथा – बछड़ों (गोवत्सों ) – की सीख एक दिनकी बात है, जब भगवान् श्रीराम सीताजीके साथ चित्रशाला में
जैसा क्रोध, वैसा उपचार एक स्त्रीको जरा-जरा-सी बातपर गुस्सा आता था। उसके इस स्वभावसे घर-परिवारके लोग बहुत परेशान रहते थे।
लक्ष्य तो निर्धारित करो! गोविन्द एक छोटी-सी दुकानसे अपना घर-खर्च चलाता था। न उसके पास जमा करनेलायक बचता था, न
गरिमा और घमण्ड पुराणको एक प्रतीक कथा बड़े मार्मिक से घमण्ड और गरिमाके भेदको समझाती है। गरुड़ और शेषनाग इतने
स्वामी विवेकानन्दके पूर्वाश्रमकी बात है। उस समय उनका नाम नरेन्द्र था। वे कभी-कभी परमहंस रामकृष्णदेवके दर्शनके लिये दक्षिणेश्वर मन्दिरमें भी