एक हृदय शल्य चिकित्सक अपनी कार को नियमित मरम्मत के लिए मैकेनिक के पास ले गए। वह आमतौर पर मैकेनिक के साथ हँसी मजाक करते रहते थे। एक बार कार मैकेनिक ने कहा, “डॉक्टर साहेब, हम एक-सा काम करते हैं। मैं कारों के इंजन का और आप इंसान के दिलों की मरम्मत का काम करते हैं। लेकिन हमारे काम के बदले जो पारिश्रमिक मिलता है, उसमें भारी अंतर होता है। आपको मुझसे कई गुना अधिक पारिश्रमिक मिलता है! ऐसा क्यों?”
हाँ, बिल्कुल…लेकिन यह बिना कारण नहीं है।” सर्जन ने बड़ी सहजता से कहा।
“ठीक है, मेरी मेहनत देखिए, “मैकेनिक ने समझाना शुरू किया, “पहले एक कार के इंजन की जाँच करो कि यह कैसे चल रहा है, फिर उसको खोलो, उसके सारे वाल्व को ठीक करो, सारे तारों को ठीक करो, आयल की जाँच करो और फिर सब कुछ वापस व्यवस्थित करो। तब इंजन नए जैसा अच्छा काम करता है। काम करते समय, मेरे कपड़े और हाथ भी पूरी तरह से गंदे हो जाते हैं।
मैं कार के इंजन के साथ जो करता हूँ, आप वही मानव दिल के साथ करते हैं। फिर आप अपने आपको महान कैसे समझते हैं? और हमारे काम के पारिश्रमिक में इतना अंतर क्यों है?”
सर्जन कुछ पल शांत रहे और फिर मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, मित्र, क्या तुम कार के इंजन को चलते हुए ठीक कर सकते हो…? मैं दिलों पर तब काम करता हूँ, जब वे धड़क रहे होते हैं!”
सर्जन के इस उत्तर से मैकेनिक अवाक रह गया!
दोस्तों कहानी तो यहाँ पूरी हुई, पर यह जीवन मे एक नई शुरूआत ला सकती है…हम सभी के पास एक प्यारा सा दिल है, जो अनवरत धड़क रहा है, जिस पल रुकेगा, दुनिया का कोई मैकेनिक उसे चला नहीं पायेगा! पर इस पल, जब आप यह कहानी पढ़ रहे हैं, वह दिल धड़क रहा है, पर क्या हमारा ख्याल उस ओर कभी जाता है? हर कोई कहता है, अपने दिल की सुनो, वह हमारा सच्चा मार्गदर्शक है!
आइये क्यों न अभी इसी क्षण अपने दिल से जुड़ें, और उसके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें!
“यह हमारा दिल ही है जिसके ज़रिए हम अपनी आत्मा के साथ जुड़ सकते हैं। लिहाज़ा, दिल पर ध्यान करने के पीछे एक बड़ा दर्शन निहित है।
हमारा दिल हमसे तभी बातें करता है जब हम उसकी ओर ध्यान देते हैं। जितना ही हम उसकी ओर ध्यान देंगे उतना ही वह सही दिशा में हमारा मार्गदर्शन करेगू
A heart surgeon took his car to a mechanic for routine repairs. He usually used to joke with the mechanic. Once a car mechanic said, “Doctor Saheb, we do similar work. I repair car engines and you repair human hearts. But there is a huge difference in the remuneration we get for our work.” Yes. You get paid many times more than me! Why so?”
Yes, of course…but it is not without reason.” The surgeon said very casually.
“Okay, look at my efforts,” the mechanic began to explain, “First check a car’s engine to see how it’s running, then open it up, fix all its valves, fix all the wires, check the oil, Check and then arrange everything back. Then the engine works good as new. While working, my clothes and hands also get completely dirty.
What I do with a car engine, you do with the human heart. Then how do you consider yourself great? And why is there such a difference in remuneration for our work?”
The surgeon remained silent for a few moments and then smilingly replied, Friend, can you fix the car engine while it is moving…? I work on hearts while they’re beating!”
The mechanic was left speechless by this answer of the surgeon!
Friends, the story is over here, but it can bring a new beginning in life… We all have a lovely heart, which is beating continuously, the moment it stops, no mechanic in the world will be able to start it. But at this moment, when you are reading this story, that heart is beating, but does our mind ever go in that direction? Everyone says, listen to your heart, it is our true guide!
Let’s connect with our hearts right now, and express our gratitude towards them!
“It is through our heart through which we can connect with our soul. So, there is a larger philosophy behind meditating on the heart.
Our heart speaks to us only when we pay attention to it. The more we pay attention to Him, the more He will guide us in the right direction.