धाए धाम काम सब त्यागी।
मनहु रंक निधि लूटन लागी।।
जनकपुर के निवासियों को जब पता चला कि भूप सुत यानि प्रभु राम अनुज सहित नगर देखने आए है तो अपना धाम और काम छोड़कर दौड़े जैसे गरीब लोग खजाने को लूटने दौड़ते है।
अब पहले तो मिथला निवासी गरीब नहीहै जो” सम्पदा नीच ग्रह सोहा” दूसरा जब भगवान नगर भ्रमण पर आए है तो दौड़ने की क्या आवश्यकता आन पड़ी वो वैसे ही गलियों में आयेंगे,
गोस्वामी जी का आशय है कि राम जहां होते है वहाँ काम तो हो ही नही सकता” जहाँ राम तह काम नहीं”इसलिए काम छोड़ दिया और ईश्वर दर्शन पर धाम छोड़कर हम परम् धाम को जाते है इसलिए धाम भी छोड़ दिया
धाए धाम काम सब त्यागी अब दौड़ने का आशय यह है कि यदि हमें पता चले कि कोई महानुभाव/महात्मा मेरी ओर आ रहा है तो उससे दौड़ कर(आह्लादित होकर)मिलना चाहिए।
अब रंक निधि लूट रही है तो निधि कौन सी है
बाबा कहते है
श्याम गौर सुंदर दोउ भाई।
विश्वामित्र महा निधि पाई।।
ये श्याम सुंदर और गौर वर्ण दोनों भाइयों के रूप की निधि है जो मैया सीता(भक्ति)के नगर में स्वयं चलकर जाती है और भक्त इस निधि को पाने के लिए हमेशा ही अकिंचन(गरीब) रहते है ।इसलिए
धाए धाम काम सब त्यागी।
मनहु रंक निधि लूटन लागी।।
सादर जय सियाराम🙏
आपका
बाँके बिहारी मिश्रा
Everything is abandoned. Manhu rank fund started looting. When the residents of Janakpur came to know that Bhoop Sut i.e. Lord Ram has come to see the city along with Anuj, they left their abode and work and ran like poor people running to loot the treasure. Now, first of all, Mithla residents are not poor, who are “wealth, low planet, soha”. Goswami ji’s intention is that work cannot be done where Ram is present, “where Ram is not there”, so left the work and leaving the abode for God’s darshan, we go to the supreme abode, that’s why left the abode too. Dhay dham kaam sab tyagi, now the meaning of running is that if we come to know that some great personality/mahatma is coming towards me, then we should meet him by running (being happy). Now the rank is looting the fund, so which fund is it? Baba says Shyam Gaur Sundar two brothers. Vishwamitra got the great fund. This is the treasure in the form of two brothers, Shyam Sundar and Gaur Varna, who herself walks to the city of Mother Sita (Bhakti) and the devotees always remain poor to get this treasure. That’s why Everything is abandoned. Manhu rank fund started looting. Regards Jai Siyaram Yours Banke Bihari Mishra