मनुष्य-जन्म अनमोल रे

pray buddha statue measure

हमारे पिछले जन्मों के पुण्यों के फलस्वरूप ही आज हमें मनुष्य-जन्म का अनमोल अवसर मिला है पर आज हम अपनी अज्ञानता के कारण यह अनमोल अवसर संसार के कामों में व्यर्थ यु ही बीता जा रहा है ।

यदि आज हमें राजा इन्द्र के समान महल और गद्दी भी मिली हो तो परमात्मा की भक्ति के बिना वह भला किस काम आ सकती है? आज हम उस मालिक को भूलाकर अवश्य पागल ही है जो जानबूझ कर अनजान बने बैठे हैं और ऐसी चीजों की सोच में ही दिन बिता रहे हैं जिनका विचार नहीं करना चाहिए ।

आज हमारी इन्द्रियाँ बलवान हो गई है और हमारी विवेक-शक्ति कमजोर पड़ गई है जिससे हमारी बुद्धि में परमार्थी भाव का प्रवेश ही नहीं हो पाता हम कहते कुछ हैं और करते कुछ और ही है।

मानव-जीवन जो परमात्मा की एक दुर्लभ देन है उसे व्यर्थ की चीजों में बरबाद कर रहे हैं आज हमें पूर्ण सतगुरु की सच्ची शरण लेकर अपने इस मनुष्य-जीवन को सँवारना है और जीते जी इस जन्म में ही उस परमात्मा के घर पहुँचना है……



As a result of the virtues of our previous births, today we have got the precious opportunity of human birth, but due to our ignorance, today we are wasting this precious opportunity in the works of the world.

Even if today we have got a palace and a throne like King Indra, then of what use can it be without devotion to God? Today, we are certainly mad by forgetting that master who has deliberately remained ignorant and is spending the day thinking of such things which should not be thought about.

Today, our senses have become strong and our power of discrimination has become weak, due to which God’s spirit does not enter our intellect, we say one thing and do something else.

Human life, which is a rare gift of God, is being wasted in useless things, today we have to decorate our human life by taking true refuge of Complete Satguru and reach the home of that God while alive…

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