संत कबीरदास जी की जयंती आज



संत कबीरदासजी की जयंती प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यानी की 2023 में संत कबीरदास जी की जयंती 04 जून 2023, दिन रविवार को मनाई जायेगी। इस साल यानी की 2023 में संत कबीरदास की 646 वाँ जयंती मनाई जायेगी।

हम सब भी संत कबीरदास द्वारा कही गयी
बातों से बहुत कुछ शिक्षा प्राप्त कर सकतें हैं।

कबीर दास कहते हैं कि उचित शब्द के बराबर
कोई धन नहीं है।

हीरा तो फिर भी पैसा खर्च करने पर मिल जाता है,पर दूसरे को प्रभावित करने वाले शब्द हर कोई नहीं बोल पाता। मधुर और प्रेमपूर्ण वाणी तभी बोली जा सकती है, जब मन साफ हो।

कबीर जी के बारे में कहा जाता है कि वे निरक्षर थे। उनके द्वारा रचित सभी दोहे उनके मुख से ही बोले गए हैं। उन्होंने अपनी अमृत वाणी से लोगों के मन में व्याप्त भ्रांतियों को दूर किया और धर्म के कट्टरपंथ पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने समाज को सुधारने के लिए कई दोहे कहे, जिससे उन्हें समाज सुधारक कहा गया। संत कबीर जी के नाम पर कबीर पंथ नामक एक समुदाय की स्थापना की गई। आज भी इस पंथ के लाखों अनुयायी हैं।पुराने प्रमाणों के अनुसार कबीरदास जी का जन्म 1398 ईस्वी में काशी में हुआ था और उनकी मृत्यु 1518 ईस्वी में मगहर नामक स्थान पर हुई थी।

|| संत कबीर दास जयंती की शुभकामनाएं ||
✍☘💕



The birth anniversary of Saint Kabirdasji is celebrated every year on the full moon date of the month of Jyestha. This year i.e. in 2023, the birth anniversary of Saint Kabirdas ji will be celebrated on Sunday, June 04, 2023. This year i.e. in 2023, the 646th birth anniversary of Saint Kabirdas will be celebrated.

All of us were also told by Saint Kabirdas You can learn a lot from things.

Kabir Das says that the right word equals There is no money.

Diamond is still available after spending money, but not everyone can speak words that impress others. Sweet and loving speech can be spoken only when the mind is clear.

It is said about Kabir ji that he was illiterate. All the couplets composed by him have been spoken from his own mouth. He removed the misconceptions prevalent in the minds of the people with his nectar speech and made a scathing attack on the fundamentalism of religion. He said many couplets to improve the society, due to which he was called a social reformer. A community named Kabir Panth was established in the name of Saint Kabir. There are lakhs of followers of this cult even today. According to old evidence, Kabirdas ji was born in Kashi in 1398 AD and he died in 1518 AD at a place called Magahar.

, Happy Sant Kabir Das Jayanti ||

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