लक्ष्मी जी (Laxmi Ji)

श्रीलक्ष्मीनारायण स्तोत्र

श्रीनिवास जगन्नाथ श्रीहरे भक्तवत्सल।लक्ष्मीपते नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात्।।१।। राधारमण गोविंद भक्तकामप्रपूरक।नारायण नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात्।।२।। दामोदर महोदार सर्वापत्तीनिवारण।ऋषिकेश नमस्तुभ्यं त्राहि

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