
ईश्वर सब कहीं है
दातादीन अपने लड़के गोपाल को नित्य शाम को सोने से पहले कहानियाँ सुनाया करता था। एक दिन उसने गोपाल से
दातादीन अपने लड़के गोपाल को नित्य शाम को सोने से पहले कहानियाँ सुनाया करता था। एक दिन उसने गोपाल से
भगवन्नाम लेना जबसे शुरू किया, समझना चाहिये कि तभी से जीवन की असली शुरुआत हुई है।भगवन्नाम में ऐसी अलौकिक शक्ति
जिसपर तुम हो रीझते, क्या देते जदुबीररोना-धोना सिसकना, आहोंकी जागीर विरह एक अति विलक्षण योग है। एक विष की घूँट
हे मोहन मुरली वाले बस तेरा प्यार माँगा है इतना दे मुझे सहारा दिखला दे अपना द्वारामैं तेरा पूत पदों
– जानकी मंगल वैदिक पथिकभगवान शंकर और श्रीरामजी में अनन्य प्रेम है । जब-जब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं,
शबरी के पिता भीलों के राजा थे. शबरी जब विवाह योग्य हुई तो इनके पिता ने एक भील कुमार से
सांवरा कहता है कि जो मुझे प्रेम से भजता है। उसके मन मन्दिर में मै निवास करता हूँ ।और हर
जानकी माता बोली — बेटा हनुमान! बड़ा भला किया, जो तुमने बता दिया। हनुमान जी चरणों में गिर
ठाकुर जी की नाव भवसागर के पार जा रही थी।ठाकुर जी ने कहा :- जिसे बैठना हो बैठ जाए।अब हम
एक बार एक बहुत बड़े संत अपने एक शिष्य के साथ दिल्ली से वृंदावन को वापिस जा रहे थे, रास्ते