
सूरज भगवान की कहानी
एक ब्राम्हण था ,वह सूरज भगवान का भक्त था. नहाता,धोता,कहानी कहता था पर कमाता कुछ भी नहीं था. ब्राम्हण घर
एक ब्राम्हण था ,वह सूरज भगवान का भक्त था. नहाता,धोता,कहानी कहता था पर कमाता कुछ भी नहीं था. ब्राम्हण घर
श्याम तन श्याम मन श्याम ही है हमारो धन,आठों याम ऊधो हमे श्याम ही सों काम है।हे श्यामसुंदर रोम रोम
एक बार कन्हैया को जिद्द चढ़ गई कि मैं अपना चित्र बनवाऊँगाये बात कान्हा ने मईया ते कही, मईया मै
एक सन्त के पास तीस शिष्य रहते थे। एक शिष्य ने गुरुजी के आगे अरदास की, “महाराज जी ! एक
.एक बार महाराज दशरथ राम आदि के साथ गंगा स्नान के लिये जा रहे थे। मार्ग में देवर्षि नारद जी
दातादीन अपने लड़के गोपाल को नित्य शाम को सोने से पहले कहानियाँ सुनाया करता था। एक दिन उसने गोपाल से
भगवन्नाम लेना जबसे शुरू किया, समझना चाहिये कि तभी से जीवन की असली शुरुआत हुई है।भगवन्नाम में ऐसी अलौकिक शक्ति
जिसपर तुम हो रीझते, क्या देते जदुबीररोना-धोना सिसकना, आहोंकी जागीर विरह एक अति विलक्षण योग है। एक विष की घूँट
हे मोहन मुरली वाले बस तेरा प्यार माँगा है इतना दे मुझे सहारा दिखला दे अपना द्वारामैं तेरा पूत पदों
– जानकी मंगल वैदिक पथिकभगवान शंकर और श्रीरामजी में अनन्य प्रेम है । जब-जब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं,