
हे मोहन मुरली वाले बस तेरा प्यार माँगा है
हे मोहन मुरली वाले बस तेरा प्यार माँगा है इतना दे मुझे सहारा दिखला दे अपना द्वारामैं तेरा पूत पदों
हे मोहन मुरली वाले बस तेरा प्यार माँगा है इतना दे मुझे सहारा दिखला दे अपना द्वारामैं तेरा पूत पदों
– जानकी मंगल वैदिक पथिकभगवान शंकर और श्रीरामजी में अनन्य प्रेम है । जब-जब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं,
शबरी के पिता भीलों के राजा थे. शबरी जब विवाह योग्य हुई तो इनके पिता ने एक भील कुमार से
सांवरा कहता है कि जो मुझे प्रेम से भजता है। उसके मन मन्दिर में मै निवास करता हूँ ।और हर
जानकी माता बोली — बेटा हनुमान! बड़ा भला किया, जो तुमने बता दिया। हनुमान जी चरणों में गिर
ठाकुर जी की नाव भवसागर के पार जा रही थी।ठाकुर जी ने कहा :- जिसे बैठना हो बैठ जाए।अब हम
एक बार एक बहुत बड़े संत अपने एक शिष्य के साथ दिल्ली से वृंदावन को वापिस जा रहे थे, रास्ते
वृंदावन के पास एक गाँव में भोली-भाली माई ‘पंजीरी’ रहती थी। दूध बेच कर वह अपनी जीवन नैया चलाती थी।
जय श्रीकृष्ण ये वृन्दावन परिक्रमा मार्ग में ठाकुर जी का लीला स्थान है lअगर आप विशुद्ध भाव के साथ यहां
अपनी माता कीर्ति जी से सखियों-संग खेलने का बहाना कर, श्री राधा जी श्री कृष्ण से मिलने उनके घर पहुँच