रामनवमी के नौ राम,
रामनवमी के नौ राम, परमात्मा से राजा, पुत्र से पिता और पति तक भगवान राम के नौ रुप जो सिखाते
रामनवमी के नौ राम, परमात्मा से राजा, पुत्र से पिता और पति तक भगवान राम के नौ रुप जो सिखाते
राम नाम की महिमा अनंत और अपार है। भगवान राम से भी बड़ा है उनका नाम। भगवान स्वयं भी राम
जय जय सियाराम जी आरूढ़ दिव्य रथ पर रावण,नंगे पद प्रभुवर धरती पर!तन वसनहीन शिर त्राणहीन,यह युद्ध अनोखा जगती पर!!उस
बहुत ही रोचक और ज्ञानवर्धक प्रसंग. गोस्वामी तुलसीदास जी ने मानस में चार ऐसी स्त्रियों का अलग अलग स्थान पर
हे नाथ ! हमारे आचरणों की ओर देखें तो कोई उपाय नहीं दीखता। आपका जो विरद है उसी के आधार
🪷 🪷 एक बार काग्भुशुण्ड ने ब्रह्मा जी से कहा – राम ने जब दशरथ के घर में जन्म लिया
हे परमात्मा राम मै आपकी वन्दना करती हूं एक भक्त परमात्मा राम के भाव मे कैसे वन्दना करता है हे
एक बार एक राजा ने गाव में रामकथा करवाई और कहा की सभी ब्राह्मणो को रामकथा के लिए आमत्रित किया
राम राज्य का अर्थ है। आत्मविश्वास हमारे जीवन को महकाता है हमारे मन में पवित्रता हो हमरे तन मन धन
।। ‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं महत्वपूर्ण है इसका उच्चारण। राम कहने मात्र से शरीर